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Published : Feb 19, 2022, 8:16 PM IST

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JDU में होगी PK की वापसी! दिल्ली में नीतीश कुमार से मिले प्रशांत किशोर तो बिहार में सियासी हलचल तेज

क्या प्रशांत किशोर की जेडीयू में वापसी (Prashant Kishor Back in JDU) होगी? ये सवाल इसलिए क्योंकि शुक्रवार को उन्होंने दिल्ली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से गुपचुप मुलाकात की है. दोनों की मुलाकात के बाद बिहार की सियासत में हचचल शुरू हो गई है. हालांकि सीएम ने इस सवाल पर मुस्कराते हुए सिर्फ इतना कहा कि हमारा रिश्ता तो पुराना है.

नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर में नजदीकियां
नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर में नजदीकियां

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर में नजदीकियांफिर से बढ़ने लगी हैं. ये चर्चा असल में इसलिए शुरू हो गई है, क्योंकि दिल्ली में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से मुलाकात की (Prashant Kishor Met Nitish Kumar) है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक भले ही सीएम इसके राजनीतिक अर्थ न निकालने की बात करते हों लेकिन आने वाले समय में राजनीति के नए रंग देखने को मिल सकते हैं.

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राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार के बीच की मुलाकात भविष्य में जरूर अपना रंग दिखाएगी. वे कहते हैं कि नीतीश कुमार जब भी संकट के दौर में आते हैं, तब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) से उनकी नजदीकियां बढ़ती हैं. फिलहाल बीजेपी और जेडीयू के बीच रिश्ते अच्छे दौर में नहीं है. ऐसी स्थिति में दोनों के बीच मुलाकात के राजनीतिक मायने हैं.

डॉ. संजय कुमार कहते हैं कि प्रशांत किशोर ने भी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे सशक्त दावेदार माना है. पिछले दिनों एक इंटरव्यूह में भी उन्होंने कहा था कि वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दोबारा से काम करना चाहेंगे. ऐसे में संभव है कि नीतीश के लिए पीके की भूमिका देखने को मिले.

वहीं, नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच मुलाकात को बीजेपी ने हल्के अंदाज में लिया है. पार्टी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि प्रशांत किशोर अपना धंधा चलाने के लिए नेताओं से मिलते रहते हैं. वह फिर से नए रोजगार की तलाश में हैं, शायद उन्हें रोजगार मिल जाए.

हालांकि नई दिल्ली में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात को लेकर पटना वापस आने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब पत्रकारों ने सवाल किया तो सीएम ने मुस्कुराते हुए जेडीयू में प्रशांत किशोर की वापसी से इंकार करते हुए कहा कि उनसे मेरा कोई नया रिश्ता नहीं है. काफी पहले से उनके साथ संबंध रहा है. लिहाजा इस मुलाकात का राजनीतिक अर्थ निकालता बेकार है.

उधर, नीतीश कुमार से भेंट करने को लेकर प्रशांत किशोर ने बताया कि दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हाल में ही कोरोना हुआ था. उसके बाद वे पहली बार दिल्ली आए हैं. लिहाजा वे उनसे मुलाकात करने गए थे. जब उनको कोविड हुआ था, उस समय भी हमने फोन पर बात की थी. इसके अलावे और कोई भी बात सीएम नीतीश कुमार से नहीं हुई है.

याद करिए 2014-15 में जब नीतीश कुमार ने बीजेपी को छोड़ा था, तब नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच नजदीकियां बढ़ी थी. प्रशांत किशोर ने उनके चुनावी कैंपेन का जिम्मा संभाला था. बड़े मतों के अंतर से महागठबंधन की सरकार बनी थी और तब नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को अपना उत्तराधिकारी माना था. हालांकि बाद के दिनों में पीके ने खुद को 'किंग मेकर' कहना शुरू कर दिया. उसके बाद से जेडीयू नेता नाराज हो गए. आरसीपी सिंह ने प्रशांत किशोर पर कई बार तल्ख टिप्पणी की और उनकी वजह से ही प्रशांत किशोर को जेडीयू छोड़ना पड़ा था.

हाल के दिनों में आरसीपी सिंह और ललन सिंह में अदावत जगजाहिर है लेकिन आज की तारीख में ललन सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. ललन सिंह और प्रशांत किशोर के बीच रिश्ते मधुर रहे हैं. ऐसे में जाहिर तौर पर नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच मुलाकात से सियासत के नए रंग देखने को मिल सकते हैं.

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