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तेजस्वी के प्रचार के बाद शुरू हुआ कन्हैया का चुनावी अभियान, इसके पीछे की वजह समझिये

तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव (Tarapur and Kusheshwarsthan By-elections) को लेकर आरजेडी (RJD) और कांग्रेस (Congress) के बीच का झगड़ा चरम पर है. इसके साथ-साथ एक और बड़ी बात जो सामने नजर आ रही है, वह है कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के बीच की दूरी. पहले भी दोनों नेता एक दूसरे के आमने-सामने आने से बचते रहे हैं. इस बार भी चुनाव प्रचार में जब तेजस्वी का चुनाव प्रचार समाप्त हो गया, उसके बाद कन्हैया का चुनाव प्रचार शुरू हुआ है. पढ़ें रिपोर्ट...

उपचुनाव
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Published : Oct 23, 2021, 6:09 PM IST

पटना:कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) जब सीपीआई (CPI) में थे और अब जबकि वे कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, उसके बाद भी स्थिति कुछ खास नहीं बदली हैं. तेज तर्रार युवा नेता के तौर पर पहचान बनाने वाले कन्हैया को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की असहजता कई बार देखने को मिली है. एक बार फिर उपचुनाव (By-elections) के प्रचार में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला है. तेजस्वी 16 तारीख से ही तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur and Kusheshwarsthan) में प्रचार करते रहे लेकिन जब 23 अक्टूबर को कुशेश्वरस्थान में उनका चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था, उस दिन से कांग्रेस के स्टार प्रचारक कन्हैया के चुनाव प्रचार का आगाज हुआ है.

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जाहिर है दोनों नेता एक-दूसरे के सामने आने से बचते रहे हैं. यही वजह है कि एक बार फिर यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों दोनों नेताओं का चुनाव प्रचार अलग-अलग वक्त में हुआ है. कहीं इसके पीछे कांग्रेस और आरजेडी के बीच भीतरखाने सहमति तो नहीं है.

देखें रिपोर्ट

हालांकि इसे लेकर राजनीतिक विश्लेषक कुछ और कह रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय ने कहा कि कन्हैया कुमार का नाम सुनते ही आरजेडी के बोल बदल जाते हैं. पहले भी कई मौकों पर तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय जनता दल अपनी असहजता प्रकट कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस में कन्हैया की एंट्री हुई है, उसके बाद से ही कांग्रेस और आरजेडी के बीच प्रदेश स्तर पर तनाव और ज्यादा मुखर हो गया है.

"कन्हैया कुमार का नाम सुनते ही राजद के बोल बदल जाते हैं. पहले भी कई मौकों पर तेजस्वी और राष्ट्रीय जनता दल अपनी असहजता प्रकट कर चुके हैं. जब से कांग्रेस में कन्हैया की एंट्री हुई है, उसके बाद से ही कांग्रेस और राजद के बीच प्रदेश स्तर पर तनाव और ज्यादा बढ़ गया है"-रवि उपाध्याय, राजनीतिक विश्लेषक

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उधर, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी और कन्हैया के बीच की तुलना को सही नहीं मानते हैं. आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि तेजस्वी बिहार में युवाओं के सर्वमान्य और सबसे चहेता नेता बन चुके हैं. लिहाजा उनकी तुलना किसी और से नहीं की जा सकती. कुछ लोग अभी राजनीति में अपनी पकड़ बनाने के लिए बेताब हैं, जबकि नेता प्रतिपक्ष के ईर्द-गिर्द ही बिहार की सियासत घूम रही है.

"तेजस्वी यादव आज बिहार में युवाओं के सर्वमान्य और सबसे चहेता नेता बन चुके हैं. उनकी तुलना किसी और से नहीं की जा सकती. वे तो अब बिहार की राजनीति के धुरी बन चुके हैं, जबकि कुछ लोग अभी राजनीति में अपनी पकड़ बनाने के लिए बेताब हैं"-एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी

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अगर हम तेजस्वी और कन्हैया कुमार के चुनाव प्रचार अभियान पर गौर करें तो तेजस्वी यादव ने 16 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक मुंगेर के तारापुर में चुनाव प्रचार किया. 20 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक वे कुशेश्वरस्थान में हैं, लेकिन इस दौरान कांग्रेस के कन्हैया कुमार ने कोई चुनाव प्रचार नहीं किया. कन्हैया कुमार 23 अक्टूबर को मुंगेर के तारापुर से चुनाव प्रचार अभियान शुरू कर रहे हैं.

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