पटना:यूपी विधानसभा चुनाव 2022(UP Assembly Election 2022) के लिए जेडीयू, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी ताल ठोक रहे हैं. सभी दल बीजेपी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं, लेकिन किसी को बीजेपी भाव नहीं दे रही है. जबकि ये तीनों पार्टियां बिहार में बीजेपी की सहयोगी है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती है लेकिन उन क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन सिर्फ उसी राज्य में होता है.
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सैद्धांतिक रूप से बीजेपी क्षेत्रीय दलों के साथ कुछ राज्य के बाहर गठबंधन करने से परहेज करती है. मिसाल के तौर पर जेडीयू लंबे समय से इस चाहत में है कि बीजेपी बिहार से बाहर हमारे साथ गठबंधन करे लेकिन जेडीयू को अब तक इसमें कामयाबी हासिल नहीं हुई है. अपवाद स्वरूप पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव में जेडीयू को गठबंधन में 3 सीटें हैं और अकाली दल को एक सीट दी गई थी, लेकिन गठबंधन को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली.
आखिर बीजेपी को सहयोगियों से परहेज (BJP Avoiding Allies) क्यों है? असल में भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि बिहार के क्षेत्रीय दलों के साथ हमारा गठबंधन सिर्फ बिहार में है. बिहार से बाहर गठबंधन का कोई औचित्य नहीं है और पार्टी को इसका चुनावी फायदा भी नहीं मिलना है.
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इस बारे में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंंभू ने कहते हैं कि बिहार में हमारा गठबंधन यहां के क्षेत्रीय दलों के साथ है लेकिन यह गठबंधन बिहार तक ही सीमित है. हमारी पार्टी क्षेत्रीय दलों के साथ संबंधित राज्यों तक ही गठबंधन सीमित रखती है. क्षेत्रीय दलों का अस्तित्व भी क्षेत्रीय होता है, लिहाजा दूसरे राज्यों में गठबंधन का कोई औचित्य नहीं है.
"बिहार में हमारा गठबंधन यहां के क्षेत्रीय दलों के साथ है लेकिन यह गठबंधन बिहार तक ही सीमित है. हमारी पार्टी क्षेत्रीय दलों के साथ संबंधित राज्यों तक ही गठबंधन सीमित रखती है. क्षेत्रीय दलों का अस्तित्व भी क्षेत्रीय होता है, लिहाजा दूसरे राज्यों में गठबंधन का कोई औचित्य नहीं है"- सिद्धार्थ शंंभू, उपाध्यक्ष, बिहार बीजेपी
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