पटना:नीतीश कुमार ने बिहार में भाजपा का साथ छोड़ दिया है और फिलहाल भाजपा मैदान में अकेले दिख रही है. भाजपा के समक्ष चुनौती बड़ी है और बिहार के अंदर भाजपा को 8 दलों के गठबंधन से मुकाबला करना है. केंद्रीय नेतृत्व मंथन में जुटी है. फिलहाल अनुभवी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (Rajya Sabha MP Sushil Modi) ड्राइविंग सीट पर दिख रहे हैं. ऐसे में बिहार के नए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष (new president of Bihar BJP) के नाम को लेकर मंथन जारी है.
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बीजेपी को बिहार में बड़ी चुनौती:भाजपा के समक्ष मिशन 2024 (BJP Mission 2024) बड़ी चुनौती है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का अस्तित्व खतरे में पड़ गया. नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ दिया और वह महागठबंधन में शामिल हो गए. महागठबंधन का कुनबा बढ़कर आठ दलों का हो गया है. बिहार में भाजपा को 8 दलों के गठबंधन से मुकाबला करना है. बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में केंद्रीय नेतृत्व के सामने चुनौती इस बात की है कि किन नेताओं पर दांव लगाया जाए जो नीतीश और तेजस्वी से मुकाबला कर सके.
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कौन बनेगा बिहार बीजेपी का नया अध्यक्ष?: भूपेंद्र यादव, नित्यानंद राय और संजय जायसवाल के कंधों पर केंद्रीय नेतृत्व की ओर से बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन गठबंधन का चित्र नहीं बचा पाने के चलते वर्तमान टीम पर केंद्रीय नेतृत्व का भरोसा नहीं रह गया है. नई टीम के गठन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. 2019 विधानसभा चुनाव के बाद बिहार भाजपा के अनुभवी नेता सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव और प्रेम कुमार को किनारे कर दिया गया था. लेकिन गठबंधन टूटने के बाद से सुशील मोदी ड्राइविंग सीट पर हैं और पार्टी दफ्तर में आधे दर्जन से ज्यादा संवाददाता सम्मेलन कर चुके हैं. सुशील मोदी लगातार नीतीश कुमार और तेजस्वी पर हमला कर रहे हैं. आपको बता दें कि गठबंधन टूटने के बाद सुशील मोदी ने कहा था कि हम 17 महीने बाद प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर रहे हैं.
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