पटना: बिहार के पटना यूनिवर्सिटी में आए दिन वर्चस्व को लेकर लड़ाई झगड़े मारपीट होते रहते हैं. यहां तक की बमबारी की भी घटना को अंजाम दिया जाता है. 13 जुलाई को गुरुवार के दिन जहां बीजेपी नेताओं द्वारा एक तरफ विधानसभा मार्च चल रहा था, वहीं दूसरी तरफ पटना यूनिवर्सिटी में वर्चस्व को लेकर इकबाल हॉस्टल और जैकसन हॉस्टल के छात्रों के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग ही नहीं बल्कि बमबारी हो रही थी.
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PU में फायरिंग और बमबारी मामले में नहीं हुई गिरफ्तारी: बमबारी और फायरिंग की घटना से विश्वविद्यालय परिसर में हड़कंप मचा हुआ था. जिसको लेकर अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. दरअसल पटना यूनिवर्सिटी में 3 जुलाई को लाइब्रेरी में बैठने के लिए कई छात्र छात्राओं के बीच मारपीट हुई थी. वैसे छात्राओं पर कार्रवाई करने के लिए पीड़ित छात्र, छात्राओं के द्वारा विरोध मार्च निकाला गया था.
कार्रवाई ना होने पर उठे सवाल: इस दौरान असामाजिक गतिविधियों में शामिल छात्रों ने छात्र-छात्राओं को सड़क पर ही दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. इतना ही नहीं बल्कि कई छात्राओं के कपड़े भी फाड़ दिए गए, जिसके बाद छात्राएं पटना के पीरबहोर थाने में इसकी शिकायत लेकर पहुंचीं, जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
घटना में कई छात्र हुए थे घायल:13 जुलाई को फर्स्ट ईयर मीट के दौरान पटना कॉलेज में किसी बात को लेकर दो तीन छात्र में मारपीट हुई जिसके बाद मामला तूल पकड़ लिया. दो हॉस्टल के छात्र मरने मारने को तैयार हो गए. इकबाल हॉस्टल और जैकसन हॉस्टल के छात्रों ने पुलिस के सामने ही ताबड़तोड़ फायरिंग की. साथ ही बमबारी, रोड़े पत्थर भी की गई.
CCTV कैमरा ना होना बड़ी समस्या: इस घटना में कई छात्र घायल हुए. सूत्रों की मानें तो एक छात्र को गोली भी लगी थी जो कहीं छुप कर इलाज कराने के बाद वहां से फरार हो गया. बीच-बचाव में पुलिस को भी दर्जनों राउंड फायरिंग करनी पड़ी. इतनी बड़ी घटना के बाद भी पुलिस के हाथ अबतक खाली हैं. सूत्रों की मानें तो पटना यूनिवर्सिटी कैंपस में सीसीटीवी कैमरा भी लगा है जो कई महीनों से काम नहीं कर रहा है.
यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप: विश्वविद्यालय परिसर में अक्सर हो रही मारपीट की घटनाओं को देखते हुए पुलिस द्वारा भी सीसीटीवी कैमरा लगाने का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन आजतक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है. पटना यूनिवर्सिटी की छवि बिगाड़ने वाले और असामाजिक गतिविधियों में शामिल छात्र पर अनुशासनिक कार्रवाई नहीं करने पर टाउन डीएसपी अशोक कुमार सिंह ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है.
"यूनिवर्सिटी प्रबंधन को चाहिए कि अनुशासनात्मक कार्रवाई करे. जो छात्र वातावरण को बिगाड़ते हैं उनपर एक्शन लेना चाहिए. हमने यूनिवर्सिटी प्रशासन से बात की थी. प्रॉक्टर और प्रधानाध्यापक से बात हुई. महौल खराब करने वाले छात्रों को कॉलेज से निकाल देना चाहिए. विद्यार्थियों को चिह्नित कर कार्रवाई करनी चाहिए. अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है."-अशोक कुमार सिंह, टाउन डीएसपी पटना