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लालू यादव की गलती दोहराएंगे नीतीश कुमार या समय रहते करेंगे इसपर ऐलान ? - bihar election 2020

आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने जो गलती 2004-05 में की थी. क्या वो गलती नीतीश कुमार दोहराएंगे? दरअसल, यह सवाल राज्यपाल कोटे से 12 विधान परिषद सीटों के लिए उठ रहा है.

बिहार की राजनीति
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Published : Jun 26, 2020, 5:38 PM IST

पटना:सीएम नीतीश कुमार के सामने मिशन 2020 बड़ी चुनौती है. लेकिन उससे पहले नीतीश सरकार पर इस बात को लेकर दबाव है कि राज्यपाल कोटे से 12 विधान परिषद सीटों को भरा जाए. हालांकि, नीतीश कुमार की ओर से कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं. इसके चलते नेता संशय की स्थिति में हैं.

नेताओं को राज्यपाल कोटे से मनोनयन की उम्मीद
मिशन 2020 से पहले बिहार में विधान परिषद चुनाव के बाद लोगों की नजरें विधान परिषद की 12 सीटों पर हैं. 12 सीटें राज्यपाल कोटे से नामांकन के द्वारा भरी जानी हैं. बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी भी कतार में हैं. मंत्री बने रहने के लिए अशोक चौधरी को विधान परिषद भेजना जरूरी होगा. इसके अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कई नेता ऐसे हैं, जो विधान परिषद की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

पटना से रंजीत की रिपोर्ट

लालू यादव ने की थी यह गलती
साल 2004-05 में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने भी एक गलती की थी. राज्यपाल कोटे से होने वाले मनोनयन को टाल दिया था और कहा था कि चुनाव के नतीजों के बाद सीटों को भरा जाएगा. लेकिन चुनाव में वो हार गए और राज्यपाल कोटे से मनोनयन नहीं कर सके. नीतीश कुमार भी अगर यह सोच रहे हैं कि चुनाव के बाद सीटों को भरा जाएगा, तो लालू यादव की तरह नीतीश कुमार के साथ भी धोखा हो सकता है.

लालू यादव, आरजेडी सुप्रीमो ( फाइल फोटो)

ताकि बागी न हो नेता...
दरअसल, बिहार में विधान परिषद के नाम पर कई नेताओं को आश्वासन की घुट्टी पिलाकर रखा जाता है. इसके चलते नेता भी इस आस में बगावत नहीं करते कि जब नामांकन होगा, तो उन्हें भी मौका मिलेगा. ऐसा हो सकता है कि विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार बगावत को टालने के लिए राज्यपाल कोटे के 12 सीटों को भरना नहीं चाहते.

बिहार विधानसभा

कोई नहीं जानता आगे की रणनीति
भाजपा-जदयू के कई नेता चाहते हैं कि राज्यपाल कोटे से होने वाले मनोनयन को सरकार शीघ्र पूरा करे. मनोनयन की प्रक्रिया विधानसभा चुनाव से पहले किए जाने से सरकार को चुनाव में फायदा हो सकता है और जातिगत वोट बैंक को साधने में सहूलियत होगी.

अरुण कुमार, मुख्य सचेतक बीजेपी
  • भाजपा के मुख्य सचेतक अरुण कुमार से जब मनोनयन के सवाल पर पूछा गया, तो उनका कहना था कि जब सभी काम समय पर हो रहे हैं तो यह भी समय से पूरा हो जाएगा. संभव है कि विधानसभा चुनाव से पहले सीटों को भरा जाएगा.
    श्रवण कुमार, संसदीय कार्य मंत्री
  • संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने पूरे मसले पर गोलमोल जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कई नेताओं की आकांक्षाएं हैं, सबकी उम्मीदें पूरी नहीं हो सकती. चुनाव से पहले प्रक्रिया पूरी होगी कि नहीं इसे लेकर भी संसदीय कार्य मंत्री संशय की स्थिति में हैं.
    विजय सिन्हा, श्रम संसाधन मंत्री
  • श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा से जब यह पूछा गया कि क्या विधानसभा चुनाव से पहले राज्यपाल कोटे की सीटों को भरा जाएगा, तो उनका कहना था कि यह हमारे शीर्ष नेता तय करेंगे.

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