नीरज कुमार, जेडीयू एमएलसी पटनाः जदयू के विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि आज का दिन देश के इतिहास में बहुत बड़ा दिन है. दक्षिण भारत के बेंगलुरु में विपक्षी दलों की एकता को लेकर जो बैठक हो रही है, वह देश की राजनीति को एक नई दिशा देगी. उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में पूरी तरह से भाजपा का सफाया हो गया है और जिस तरह से विपक्षी दलों की एकजुटता हो रही है, उससे भारतीय जनता पार्टी घबरा गई है.
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जेडीयू एमएलसी का पीएम पर तंजःजेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले कहा करते थे कि क्षेत्रीय दल को खत्म करना है, लेकिन पता नहीं विपक्षी एकता को देखकर कितना घबरा गए कि अब उन्होंने छोटी-छोटी पार्टियों को अपने साथ लाने की मुहिम शुरू की है. वैसे इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है. देश की जनता इन्हें देख चुकी है कि किस तरह से जुमलेबाजी करके यह जनता के वोट को लेते हैं और जनता के लिए कुछ नहीं करते हैं.
"अब भाजपा के लोग भी कह रहे हैं कि एनडीए गठबंधन को और मजबूत करना है और उसको लेकर वह बैठक भी कर रहे हैं. लेकिन भाजपा के लोग यह नहीं बता रहे हैं कि उनके साथ कितने लोग हैं. जब विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं तो फिर एनडीए में कौन से दल ऐसे हैं जो की घटक दल के रूप में जुड़ रहे हैं. जिस तरह की बात बीजेपी के नेता और उनके घटक दल के लोग कर रहे हैं उसे स्पष्ट है की उन्हें बेचैनी हो गई है"-नीरज कुमार, जेडीयू एमएलसी
छोटे दलों को एकजुट करने पर लगी बीजेपीः नीरज कुमार ने कहा कि वो (बीजेपी) नहीं चाहते थे कि विपक्षी दल एकजुट हों, लेकिन बिहार से जो मुहिम मुख्यमंत्री नीतीश ने चलाई है, वह अब रंग ला रही है और बेंगलुरु में जो बैठक हो रही है और जिस तरह के प्रस्ताव आ रहे हैं. जिस तरह की बातें हो रही है निश्चित तौर पर उससे भाजपा के लोगों में बौखलाहट है और तरह-तरह के बयान वह लोग दे रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जानना चाहता हूं कि जो पहले क्षेत्रीय दल को खत्म करने की बात करते थे, वह किस तरह से छोटे दलों को एकजुट करने पर लगे हुए हैं.
'एनडीए की बैठक का कोई औचित्य नहीं':नीरज कुमार ने कहा कि एनडीए के लोग जो भी दावा कर रहे हों, लेकिन प्रमुख क्षेत्रीय दल विपक्षी एकता के साथ हैं और उस मुहिम को वह आगे बढ़ा रहे हैं. ऐसे में हमें नहीं लगता कि एनडीए के साथ कोई बड़े क्षेत्रीय दल आएंगे. वैसे हम तो सवाल यही करेंगे कि वह पहले बताएं कि कौन-कौन से दल उनके साथ आ रहे हैं कि वह अपने आप को सबसे बड़ी पार्टी कहने का प्रयास कर रहे हैं. एनडीए ने जो बैठक बुलाई है, ऐसे समय में उसका कोई औचित्य भी हमें नहीं लगता है.