पटना: नगर निगम ने मोहल्ला क्लीनिक (Mohalla Clinic) शुरू करने का निर्णय लिया था. लेकिन यह निर्णय सिर्फ हवा-हवाई दिख रहा है. फरवरी 2021 को पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) की तरफ से यह दावा किया गया था कि पटना शहर में मोहल्ला क्लीनिक खोला जाएगा. जहां सस्ते दरों पर शहरवासियों का इलाज हो सकेगा. 6 माह बीत गए लेकिन अभी तक मोहल्ला क्लीनिक का कॉन्सेप्ट निगम प्रशासन का कहीं धरातल पर दिख नहीं रहा है.
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दिल्ली की तर्ज पर पटना शहर में भी कम पैसे में लोग इलाज करा सकें, इसके लिए मोहल्ला क्लीनिक खोलने का निर्णय लिया गया था. मेयर सीता साहू की अध्यक्षता में फरवरी माह में हुई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया था. लेकिन अभी तक इस योजना की सुगबुगाहट भी कहीं दिख नहीं रही है.
कोरोना काल के दौरान सबसे अधिक लचर व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग की देखी गई थी. संक्रमण काल के दौरान लोगों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही थी. अस्पतालों का अभाव था. जिसको लेकर नगर निगम ने फैसला लिया था कि अब शहर में दिल्ली के तर्ज पर मोहल्ला क्लीनिक खोला जाए. ताकि शहरवासी सस्ते दरों पर अपने किसी भी बीमारी का उपचार करवा सकें.
इस मोहल्ला क्लीनिक में नगर निगम के कर्मचारियों के साथ उनके परिजनों को भी सस्ते दरों पर इलाज की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा मोहल्ला क्लीनिक में आम जनता का भी इलाज कराने की व्यवस्था करने की व्यवस्था होगी. ट्रायल को लेकर पहले पटना शहर में तीन जगह मोहल्ला क्लीनिक खोलने का निगम प्रशासन ने फैसला लिया था. यदि मोहल्ला क्लीनिक का फीडबैक अच्छा रहा तो हर वार्डों में मोहल्ला क्लीनिक खोलने का निगम प्रशासन विचार करती.
6 महीने बीत गए लेकिन अभी तक एक भी मोहल्ला क्लीनिक खोलने पर निगम प्रशासन के तरफ से कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही है. पटना नगर निगम के नगर सचिव द्वारा मेयर को पत्र लिखा गया था कि सशक्त स्थाई समिति की 48वीं सर्वसाधारण बैठक में इस योजना पर मंथन किया जाए. बैठक को लेकर नगर निगम के सभी शाखाओं से इसकी जानकारी भी मांगी गई. इस क्रम में योजना शाखा से भी पटना में मोहल्ला क्लीनिक खोलने के संबंध में जानकारी मांगी गई थी.
फिर भी अभी यह योजना अधर में ही दिख रही है. मोहल्ला क्लीनिक खोलने में देरी को लेकर नगर निगम के अधिकारी तर्क देने में लगे हुए हैं. पटना नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने वित्तीय संकट का हवाला देने में लगे हुए हैं.
उन्होंने बताया कि सरकार के तरफ से जो हमें फाइनेंशियल ईयर के जो रुपए मिलते हैं, वे रुपए अभी आधे-अधूरे ही मिले हैं. जिसकी वजह से काम करने में कठिनाई आ रही है. पटना शहर में मोहल्ला क्लीनिक को लेकर पटना नगर निगम की तरफ से पीपी मोड पर खोलने का निर्णय लिया गया था. लेकिन अभी तक एजेंसियों का चयन नहीं हो सका. जिसकी वजह से योजना धरातल पर नहीं दिख रही है. साथ ही कोरोना संक्रमण के दौरान होने वाली परेशानियों को लेकर हवाला देने में लगे हुए हैं.