पटनाःलोकसभा चुनाव 2024 नजदीक है. ऐसे में कई पार्टी अपनी सीट को लेकर दावा कर रही है, लेकिन चाचा-भतीजा के बीच विवाद अब तक नहीं सुलझा है. चिराग पासवान और पशुपति पारस लंबे समय से हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर सियासी लड़ाई लड़ रहे हैं. 28 नवंबर को लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना दिवस है. इसको लेकर चिराग पासवान पटना में तो पशुपति पारस हाजीपुर में भव्य कार्यक्रम कर रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने हाजीपुर सीट को लेकर कई दावे किए.
सवालः स्थापना दिवस (Lok Janshakti Party Foundation Day) की क्या तैयारी है?
पशुपति पारसःस्थापना दिवस की तैयारी है. कल आपलोग भी देख लेंगे. पहला स्थापना दिवस जो दिल्ली में रामविलास पासवान के नेतृत्व में मनाया गया था उसे छोड़कर अन्य स्थापना दिवस से यह भिन्न होने वाला है. हमारी पार्टी के लोग पूरे देश में हैं. कन्या कुमारी से लेकर जम्मु कश्मीर तक हमारे पदाधिकारी हैं. कल कार्यक्रम में सभी राज्य के प्रदेश अध्यक्ष शामिल होंगे.
सवालः हाजीपुर में ही स्थापना दिवस क्यों?
पशुपति पारसःपार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान आज हमलोगों के बीच नहीं है. उनकी आत्मा कहीं न कहीं हाजीपुर में बसती है. मरने से पहले कहा था कि हाजीपुर हमारी मां है. हाजीपुर ने जो सम्मान दिया, किसी जन्म में सम्मान को भूल नहीं सकता हूं. इसिलए पार्टी का फैसला हुआ कि स्थापना दिवस हाजीपुर में मनाएं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले.
सवालः लोकसभा चुनाव में कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी पार्टी?
पशुपति पारसःहमारी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन में है. NDA के हम ईमानदार सहयोगी हैं. 2014 से लेकर आज तक, जब पासवान जी जीवित थे, उसी समय हमलोग एनडीए में गए थे. बिहार में आया राम गया राम जैसे बहुत लोगों को देखे होंगे. कभी एनडीए तो कभी राजद से चुनाव लड़ा. सीट को लेकर बैठक होगी, उसमें हमलोग तय करेंगे कि कितनी सीट पर चुनाव लड़ना है. पांच सीट फिक्स है, जिसे गठबंधन टच नहीं करेगी.
सवालः क्या सांसद पशुपति पारस के साथ इंटैक्ट हैं?
पशुपति पारसःहमारे सांसद 100 प्रतिशत इंटैक्ट हैं. कल के कार्यक्रम में देख लीजिएगा. इसके अलावा भी हमारे पास अच्छे-अच्छे उम्मीदवार और अच्छा वोट बैंक है. जब पासवान जी जीवित थे. उन्होंने इसे साबित किया. वे जिधर जाते थे हमारे समाज को वोट उधर जाता था. 2005 से 2014 तक पासवान जी जिस गठबंधन में गए, उसकी सरकार बनी है. हम उनके उत्तराधिकारी हैं. हमारे साथ भी पूरे बिहार का पासवान समाज है.