पटना:बिहार के कई जिलों में बाढ़ के डर ने लोगों की नींद उड़ा दी है. मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, दरंभगा और सीतामढ़ी के तराई वाले इलाके में लोगों की परेशानी बढ़ गई है. महानंदा, कमला बलान, कोसी और बागमती नदियां उफान पर बह रही हैं. तो वहीं कुछ नदियां खतरे के निशान से ही काफी नीचे बह रही हैं. साथ ही गंगा के बढ़ते जलस्तर से भी लोगों में डर समाया हुआ है.
बिहार में बागमती, कोसी और परमान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर - परमान नदी का जलस्तर
बिहार में प्राकृतिक आपदाएं एक साथ चरम पर है. एक तरफ तो कोरोना का कहर, दूसरी तरफ बारिश और वज्रपात से मौत. तो वहीं अब प्रदेश की नदियां उफान पर हैं और बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
danger mark
3 जुलाई को बिहार में प्रमुख नदियों का जलस्तर इस प्रकार से रहा
- बागमती नदी रुन्नीसैदपुर में 22 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. तो वही बेनीबाद ने खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर नीचे थी
- कोसी नदी का जलस्तर बलतारा में 26 सेंटीमीटर ऊपर था
- परमान नदी का जलस्तर अररिया में खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर था
- इसके साथ कमला बनाम महानंदा गंडक और गंगा जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है.
2 जुलाई को बिहार में प्रमुख नदियों का जलस्तर इस प्रकार रहा
- बागमती नदी का जलस्तर रुन्नीसैदपुर में 57 सेंटीमीटर ऊपर था. तो वहीं, बेनीबाद में 22 सेंटीमीटर नीचे था
- कोसी नदी का जलस्तर बलतारा में खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर था.
- महानंदा नदी का जलस्तर ढेगरा घाट में 4 सेंटीमीटर ऊपर था महानंदा नदी का जल स्तर झावा में खतरे के निशान से 7 सेंटीमीटर ऊपर था
- परमान नदी का जलस्तर अररिया में खतरे के निशान से 71 सेंटीमीटर ऊपर था
- वही प्रमुख नदियों में कमला बलान का जलस्तर झंझारपुर में 38 सेंटीमीटर नीचे और जयनगर में 10 सेंटीमीटर नीचे था.
- गंडक नदी का जलस्तर डुमरिया घाट में खतरे के निशान से 4 सेंटीमीटर नीचे था
- गंगा सहित अन्य प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ही काफी नीचे बह रही हैं