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'कला के मंदिर' में महफूज नहीं हैं कलाकृतियां, रखरखाव के अभाव में हो रहे बर्बाद

कला एवं शिल्प महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं द्वारा निर्मित कलाकृतियां कॉलेज परिसर में रख-रखाव के अभाव में बर्बाद हो रही है.

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Published : Jun 11, 2019, 11:04 AM IST

कला एवं शिल्प महाविद्यालय

पटना: राजधानी पटना में सूबे के मशहूर कला महाविद्यालय के हालात अच्छे नहीं हैं. राजधानी के बेशुमार कॉलेजों में से एक कला एवं शिल्प महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं द्वारा निर्मित कलाकृतियों का अपमान हो रहा है.

कला एवं शिल्प महाविद्यालय

कॉलेज परिसर में रखी मूर्तियां बर्बाद हो रही है. छात्र-छात्राओं द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां खुले आसमान के नीचे जंगल झाड़ियों के बीच पड़े हैं. इनकी खोज-खबर लेने वाला कोई नहीं है. महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने भले ही एक से बढ़कर एक अनमोल कलाकृति बनाई हो लेकिन रखरखाव की व्यवस्था नहीं है. इसके कारण तमाम कलाकृतियां बर्बाद हो रही है.

कलाकृतियों को देख दुखी होते हैं छात्र
छात्र-छात्राएं अपने प्रोजेक्ट पर काम करते हैं. यहां बनाई गई कलाकृतियों को देख कर कॉलेज के छात्र काफी कुछ सीखते हैं. लेकिन कॉलेज परिसर में धूल फांक रही बेहतर कलाकृतियों को देख मन दुखी हो जाता है. ऐसा लगता है कि छात्रों की बनाई कलाकृतियां का भी यही हश्र होना है.

संरक्षण के अभाव में बर्बाद हो रही कलाकृतियां

संरक्षित रखने के लिए आर्ट गैलरी उपलब्ध नहीं
कई छात्राएं की मानें तो कॉलेज में हर साल नए स्टूडेंट पढ़ने के लिए आते हैं. पढ़ाई पूरी करने के बाद चले जाते हैं. पढ़ाई के दौरान जो प्रोजेक्ट मिलता है उसे बेहतर करने का प्रयास करते हैं. ऐसे में उन सभी तमाम कलाकृतियों को संरक्षित करने की जरूरत है. कॉलेज प्रशासन को इस दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है. छात्र छात्राओं द्वारा बनाई गई बेहतर कलाकृतियों को संरक्षित रखने की जरूरत है. इसके लिए आर्ट गैलरी या कहीं और सुरक्षित जगहों पर रखने की जरूरत है. ताकि नवोदित कलाकारों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों से दूसरे छात्र-छात्राएं प्रेरणा ले सकें.

कॉलेज परिसर में बेकार पड़ी कलाकृति

जल्द होगा समस्या का समाधान
गौरतलब है कि एक जमाने में पटना शिल्प महाविद्यालय की पहचान बिहार और झारखंड के नामी कॉलेजों में होती थी. मगर आज जो हालात है उसमें कलाकृतियों को रखने की जगह नहीं है. कलाकृतियों को सहेजने के लिए जगह नहीं होने के कारण उन्हें कॉलेज परिसर में जहां-तहां रख दिया जाता है. इस पूरे मामले में प्राचार्य से बात की गई. उन्होंने बताया कि जल्द ही इस दिशा में कोई नया कदम उठाया जायेगा. इसके लिए तरकीब लाई जा रही है ताकि इन सभी कलाकृतियों को संरक्षित रखा जा सके.

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