पटना: बहुचर्चितसृजन घोटाले(Bihar Srijan Scam) में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इसमें भागलपुर के पूर्व डीएम केपी रमैया (Former DM KP Ramaiah) समेत 9 लोग सामिल हैं. यह वारंट भागलपुर में महिला सशक्तिकरण की सरकारी योजनाओं में करोड़ों की राशि की निकासी में गड़बड़ी का है.
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पूर्व डीएम केपी रमैया समेत 9 के खिलाफ वारंट जारी: आपको बता दें कि भागलपुर के पूर्व डीएम केपी रमैया ने 2014 में नौकरी से वीआरएस लेकर जेडीयू ज्वाइन किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें लोकसभा चुनाव में सासाराम से प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह चुनाव हार गए थे. सृजन घोटाले मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा पूर्वी डीएम केपी रमैया समेत नौ लोगों की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है.
इन 9 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी:मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व डीएम केपी रमैया, अर्जुन दास, इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक सनत कुमार झा, डिप्टी कलेक्टर विजय कुमार, शाखा प्रबंधक गोलक बिहारी पांडा, शाखा प्रबंधक आनंद चंद गगई, बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक शंकर प्रसाद और सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव रजनी प्रिया और उनके पति अमित कुमार शामिल हैं.
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27 पर हो चुकी है चार्जशीट:सृजन घोटाला मामले में सीबीआई ने जांच तेज कर दी है. जिसके तहत सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को उपस्थिति के लिए समन जारी किया था. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट विशेष अदालत में दाखिल कर दी है. जिसके बाद सीबीआई के वकील के अनुरोध पर हाल में आरोपित केपी रमैया समेत नौ के खिलाफ वारंट जारी करने का आदेश दिया गया. सीबीआई के द्वारा सृजन घोटाले मामले में 27 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी. यह मामला करोड़ों रुपए के गबन से जुड़ा हुआ है.
2017 में घोटाले का हुआ था पर्दाफाश:साल 2017 में घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ, जब जिला तत्कालीन जिलाधिकारी के हस्ताक्षर से जारी बैंक चेक पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण वापस कर दिया गया. अनुमान के मुताबिक सृजन घोटाले में सरकार को 5000 करोड़ से अधिक की क्षति हुई. घोटाले की जांच आज की तारीख में सीबीआई कर रही है और कई सफेदपोश और बड़ी मछलियां कार्रवाई की जद से बाहर है.
घोटाले में कई लोग हो चुके हैं गिरफ्तार:सृजन घोटाल में कई बड़े पदाधिकारी की संलिप्तता की बात सामने आई थी. बड़े सफेदपोश नेता भी इसमें चर्चा में आए थे. इसी वजह से सीबीआई की जांच सृजन घोटाले में धीमी हो गई थी. आम लोगों के बीच चर्चा आम है कि सरकार की मिलीभगत की वजह से ही इस घोटाले में सही से सीबीआई के द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है.
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