पटना :जिले के आइजीआइएमएस को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के साथ-साथ ब्लैक फंगस के इलाज के लिए भी राज्य सरकार द्वारा नामित किया गया है. लगातार यहां के डॉक्टरों की टीम ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज कर रही है. अब तक ब्लैक फंगस के 8 मरीजों को ठीक करने में संस्थान को सफलता मिली है.
पटना के IGIMS में 'ब्लैक फंगस' के लिए 30 बेड का वार्ड तैयार
बिहार के आइजीआइएमएस को राज्य सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के इलाज के लिए नामित कर दिया गया है. कोविड के साथ अब वहां ब्लैक फंगस के मराीजों का भी इलाज किया जाएगा. आइजीआइएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल ने बताया कि हमारी तैयारी पूरी है और यहां अलग से ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए 30 बेड वार्ड बनाया गया है.
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कोविड से ठीक होने वाले मरीज रखें विशेष ध्यान
आइजीआइएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल ने कहा कि ब्लैक फंगस बीमारी ज्यादातर पोस्ट कोविड मरीज को होने की संभावना होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि कोविड से ठीक हुए लोगों में इम्युनिटी कम हो जाती है. निश्चित तौर पर कोविड के बाद लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. पोस्ट कोविड मरीज अपने हाथ को साफ रखें, मास्क का उपयोग करें, साथ ही अपने हाथ से मुंह और नाक छूने से परहेज करें. उन्होंने कहा कि हमारे यहां कई ऐसे मरीज भी आए है जो कोविड नेगेटिव होने के बाद फंगस से संक्रमित हुए हैं. ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज की यहां अलग से व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि हमारा संस्थान ब्लैक फंगस मरीज का लगातार इलाज कर रहा है और यहां सारी सुविधा उपलब्ध है.
अलग से तैयार किया गया 30 बेड का वार्ड
आइजीआइएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल ने कहा कि हमारी पूरी तैयारी है और आइजीआइएमएस लगातार हम कोविड के साथ-साथ ब्लैक फंगस का भी इलाज कर रहे है. संस्थान में ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के लिए 30 बेड अलग से रखा गया है. जहां सिर्फ और सिर्फ ब्लैक फंगस के मरीज का इलाज चल रहा है. अगर जरूरत पड़ी तो बेड का संख्या बढ़ा दी जाएगी.