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मोकामा और गोपालगंज में कम वोट प्रतिशत ने बढ़ाई पार्टियों की टेंशन, अब 6 नवंबर के रिजल्ट पर नजर - Low voting in Mokama and Gopalganj

बिहार में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया है. इस बार मतदान प्रतिशत 2015 के मुकाबले दोनों सीटों पर कम (Voting percentage dropped in by elections) रहा है. इसके साथ ही जीत और हार के कयास लगने लगे हैं. बीजेपी और महागठबंधन दोनों तरफ से जीत के दावे किये जा रहे हैं. इन सब के बीच अब लोगों को छह नवंबर का इंतजार है. क्योंकि मतगणना छह नवंबर को होने वाली है. पढ़ें पूरी खबर..

मोकामा और गोपालगंज में कम वोटिंग
मोकामा और गोपालगंज में कम वोटिंग

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Published : Nov 4, 2022, 10:54 AM IST

Updated : Nov 4, 2022, 2:39 PM IST

पटनाःबिहार विधानसभा के गोपालगंज और मोकामा विधानसभा सीट पर उपचुनाव संपन्न हो गया है. अब छह नवंबर को मतगणना का सब को इंतजार है. मतगणना के बाद ही उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला सुनिश्चित होगा. दोनों जगह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चुनाव संपन्न हुआ. 2015 में जब महागठबंधन ने चुनाव लड़ा था. उस समय के मुकाबले इस बार मोकामा और गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में कम वोटिंग (Low voting in Mokama and Gopalganj) हुई है, जो महा गठबंधन के नेताओं के लिए चिंता बढ़ाने वाली बात है. गोपालगंज का सीट सुभाष सिंह के असमय निधन के कारण खाली हुआ है. जबकि मोकामा का सीट अनंत सिंह की सदस्यता रद्द होने के कारण खाली हुआ है.

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उपचुनाव में दोनों तरफ से जीत के दावे

मोकामा में बाहुबलियों के बीच टक्कर: मोकामा में जहां बाहुबलियों के पत्नियों के बीच ही मुकाबला था, इसलिए मोकामा पर सबकी नजर लगी है. दोनों सीट पर आरजेडी का मुकाबला बीजेपी से है. मोकामा विधानसभा उपचुनाव में बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी का मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार सोनम देवी से है. सोनम देवी बाहुबली ललन सिंह की पत्नी हैं और बाहुबली सूरज भान सिंह का भी समर्थन मिला है. इसलिए यहां बाहुबलियों की पत्नियों के बीच मुकाबला होने के कारण चुनाव प्रचार में दोनों तरफ से पूरी ताकत लगाई गई है. अब चुनाव के बाद दोनों तरफ से जीत के दावे हो रहे हैं.

गोपालगंज में सहानुभूति वोट मिलने का अनुमानःगोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी के पूर्व विधायक सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी का मुकाबला आरजेडी प्रत्याशी मोहन प्रसाद गुप्ता से है. लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव भी मुकाबले में हैं. इसलिए यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. इसके अलावा एआईएमआईएम के प्रत्याशी ने भी मुकाबला को रोचक बना दिया है. गोपालगंज में सहानुभूति वोट भी बीजेपी की उम्मीदवार को मिलने की बात कही जा रही है. गोपालगंज में लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव की पत्नी इंदिरा यादव चुनाव मैदान में हैं और इसके कारण गोपालगंज में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.

इसबार दोनों जगह कम वोटिंगः मोकामा में गोपालगंज से अधिक वोटिंग हुई है. दोनों विधानसभा में 50% से अधिक वोटिंग हुई है. अब 6 नवंबर को मतगणना होगी. मोकामा में 53.45% वोट हुआ है तो वहीं गोपालगंज में 51.48% वोट हुआ है. 2020 के चुनाव में 101, गोपालगंज निर्वाचन क्षेत्र में कुल 313 मतदान केंद्र थे. 2015 के चुनावों में यह आंकड़ा 293 था. जबकि 2010 में 262 मतदान केंद्र थे. इस बार 330 मतदान केंद्र बनाए गए थे. वहीं 2020 के चुनाव में 178, मोकामा निर्वाचन क्षेत्र में कुल 274 मतदान केंद्र थे. 2015 के चुनावों में यह आंकड़ा 244 था. जबकि 2010 में 227 मतदान केंद्र थे. इस बार 289 मतदान केंद्र बनाए गए थे.

गोपालगंज का वोटिंग ट्रेंड

"बीजेपी को महागठबंधन की ताकत का पता चल जाएगा. जनता ने गोलबंद होकर महागठबंधन उम्मीदवार के पक्ष में वोट किया है. दोनों जगह हमलोग चुनाव जीतेंगे"-उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू

"मुकाबला एकतरफा है मोकामा और गोपालगंज दोनों में महागठबंधन के उम्मीदवार भारी अंतर से जीत रहे हैं. इसी दो चुनाव से हमलोगों का जो मिशन है 2024 का उसकी झलक दिखने लगेगी"- श्रवण कुमार, मंत्री, जेडीयू

गोपालगंज का वोटिंग ट्रेंड


2015 के मुकाबले दोनों जगह वोटिंग प्रतिशत गिराः बीजेपी के पूर्व विधायक सुभाष सिंह लंबी बीमारी के बाद निधन हुआ था और उसी के कारण यह सीट खाली हुआ सुभाष सिंह 2005 से लगातार चुनाव जीतते रहे और एक तरह से बीजेपी की यह परंपरागत सीट बन गई है. अब उनकी पत्नी कुसुम देवी यहां से चुनाव लड़ी है तो देखना है उन्हें कितना वोट मिलता है. 2015 में 57% से भी अधिक वोटिंग हुई थी लेकिन 2015 के मुकाबले गोपालगंज में इस बार कम वोटिंग हुई है. अपने इलाके में 'छोटे सरकार' के नाम से चर्चा में रहने वाले अनंत सिंह को 2020 में 52.99 फीसदी वोट मिले, जबकि जेडीयू के उम्मीदवार को 28.92 फीसदी वोट मिला था. अनंत सिंह यहां से लगातार पांचवीं बार चुनाव जीतने में सफल रहे थे. इस बार अनंत सिंह की पत्नी चुनाव लड़ रही हैं कितना वोट मिलता है यह देखने वाली बात होगी। पिछले चार चुनाव के वोट प्रतिशत की बात करें तो मोकामा में 2015 में 56% से भी अधिक वोट हुआ था. 2015 के मुकाबले इस बार कम वोटिंग हुई है.

दोनों तरफ से हो रहे जीत के दावेः ऐसे में जीत के दावे दोनों तरफ से हो रहे हैं. जेडीयू और आरजेडी की तरफ से भी जीत के दावे हो रहे हैं. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का कहना है बीजेपी को महागठबंधन की ताकत का पता चल जाएगा. जनता ने गोलबंद होकर महागठबंधन उम्मीदवार के पक्ष में वोट किया है. जेडीयू का तो यहां तक कहना है कि 2024 का मिशन इन्हीं दो चुनावों से दिखने लगेगा. दूसरी तरफ बीजेपी का भी कहना है कि जनता ने कमल पर ही बटन दबाया है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी दोनों सीट पर जीत के दावे किये हैं.जेडीयू के मंत्री श्रवण कुमार का भी कहना है कि मुकाबला एकतरफा है मोकामा और गोपालगंज दोनों में महागठबंधन के उम्मीदवार भारी अंतर से जीत रहे हैं. वहीं बीजेपी प्रवक्ता मनीष मिश्रा का कहना है कि मोकामा में भी हम लोग भारी अंतर से जीतेंगे. लोगों को बाहुबली से मुक्ति मिलेगी और गोपालगंज में सुभाष बाबू ने जो काम किया है उसे उनकी पत्नी आगे बढ़ाएंगी. जनता की उंगली कमल पर ही गया है.




अब सबकी नजर छह नवंबर पर:चुनाव के बाद अब सबकी नजर 6 नवंबर को होने वाले काउंटिंग पर रहेगी चुनाव आयोग के तरफ से उसकी भी तैयारी की गई है ऐसे में 6 नवंबर को जब रिजल्ट आएगा तो किसके दावे में कितना दम है यह पता चलेगा. साथ ही 2024 झलक भी दिखेगी नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के बाद यह पहला उपचुनाव हो रहा है इसलिए नीतीश कुमार के साथ महागठबंधन की भी परीक्षा हो जाएगी.

"मोकामा में भी हम लोग भारी अंतर से जीतेंगे. लोगों को बाहुबली से मुक्ति मिलेगी और गोपालगंज में सुभाष बाबू ने जो काम किया है उसे उनकी पत्नी आगे बढ़ाएंगी. जनता की उंगली कमल पर ही गया है"- मनीष मिश्रा, प्रवक्ता, बीजेपी

Last Updated : Nov 4, 2022, 2:39 PM IST

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