पटना: बिहार की राजधानी पटना के धनरूआ में पांचवे चरण के मतदान (Fifth Phase Of Panchayat Election) को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. लेकिन धनरूआ प्रखंड में 13 ऐसे भवन हैं जो बिल्कुल जर्जर हो चुके हैं. आश्चर्य की बात तो यह है कि इसी जर्जर भवन में मतदान केंद्र बनाए गए हैं. ऐसे में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा है कि कोई भी घटना होने पर जिम्मेदारी निर्वाचित पदाधिकारी की ही होगी.
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मामला धनरूआ प्रखंड मुख्यालय से सटे जलालपुर महादलित टोले का है. जिसकी बूथ संख्या- 10 है. जहां पांचवें चरण में यानी की 24 अक्टूबर को मतदान होना है. ऐसे में पूरे धनरूआ प्रखंड में 13 ऐसे जर्जर स्कूल हैं, जहां मतदान केंद्र बना दिए गए हैं. जिसे लेकर स्थानीय मतदाताओं में काफी आक्रोश है.
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इसे लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा है कि जिस स्कूल को जर्जर भवन घोषित कर स्कूल बंद करवा कर दिया गया था, अब उसी भवन में धनरूआ निर्वाची पदाधिकारी ने उसे मतदान केंद्र बना दिया है. ऐसे में मतदान के दौरान कोई अप्रिय घटना होने पर जिम्मेदारी आखिर किसकी होगी?
विभाग से सूचना प्राप्त हुई कि जर्जर विद्यालयों की सूची प्राप्त कर उसे निकटतम विद्यालय में शिफ्ट कर दिया जाए. जिसके बाद ऐसे 13 विद्यालय चिन्हित किए गए और उसमें शिफ्ट कर दिया गया. इसके बावजूद भी निर्वाची पदाधिकारी प्रखंड स्तर से उस भवन को मतदान केंद्र घोषित कर दिया गया. ऐसा स्थिति में जर्जर विद्यालय में मतदान केंद्र और मतदान का कार्य संपन्न करने में थोड़ी कठिनाई हो रही है. यदि कोई घटना घटित होती है तो इसकी जिम्मेदारी निर्वाची पदाधिकारी पर ही होनी चाहिए. -नवल किशोर सिंह, सहायक निर्वाची पदाधिकारी
स्थानीय का कहना है कि स्कूल की बिल्डिंग कई जगहों से जर्जर हो चुकी है. पिछले साल पढ़ाई के दौरान छत का एक हिस्सा एक बच्चे पर गिर गया था. जिससे बच्चा गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. उस घटना के बाद से ही स्कूल में पढ़ाई बंद करवा दी गई थी. लेकिन इस बार पंचायत चुनाव में इस जर्जर स्कूल को मतदान केंद्र बना दिया गया है.
हालांकि पंचायत चुनाव शुरू होने से पहले जिला प्रशासन ने निर्देश दिया था कि किसी भी जर्जर भवन में मतदान केंद्र नहीं बनाया जाएंगे. लेकिन धनरूआ में 13 ऐसे स्कूल जर्जर भवन हैं, जहां मतदान केंद्र बना दिया गया है. ऐसे में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने इसे उदासीनता और लापरवाही बताया है.