पटना:पिछड़ों अति पिछड़ों के मसीहाजननायक कर्पूरी ठाकुर 100वी जयंती के मौके पर याद किया जा रहे हैं. बिहार के तमाम राजनीतिक दलों ने 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह बड़े ही धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रखी है. राजनीतिक दलों के बीच कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाने की होड़ मची है.
टारगेट पिछड़ा और अति पिछड़ा:जातीय जनगणना के मुताबिक बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.12 फीसदी और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी 36.01 फीसदी है. इस तरीके से पिछड़ा और अति पिछड़ा की आबादी बिहार के अंदर 63% के आसपास है. जननायक कर्पूरी ठाकुर पिछड़ों और अति पिछड़ों के नेता माने जाते हैं..
सभी दल मनाएंगे जननायक की जयंती: 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं और तमाम राजनीतिक दलों की अग्नि परीक्षा होनी है. बिहार के राजनीतिक दल महापुरुषों की जयंती मनाकर खुद को उस वर्ग का सच्चा हिमायती बनाने की कोशिश में जुटे हैं. कर्पूरी ठाकुर अति पिछड़ा समाज से आते थे. उनकी जाति की आबादी भले ही कम थी लेकिन पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज में वह बेहद लोकप्रिय थे.
चुनावी साल में जयंती का खासा महत्व: चुनावी साल में कर्पूरी ठाकुर की जयंती का महत्व और भी बढ़ जाता है.बात अगर भारतीय जनता पार्टी की कर ले तो भाजपा इस बार कर्पूरी ठाकुर की जयंती को वृहद रूप में मनाने की तैयारी कर चुकी है. राजधानी पटना के मिलर हाई स्कूल ग्राउंड में सम्मेलन का आयोजन किया गया है और सम्मेलन में पिछड़े और अति पिछड़े समुदाय के लोगों को जुटाने की तैयारी है.
"भाजपा की मदद से ही कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री बने थे. भाजपा ही कर्पूरी ठाकुर के सपनों को सच कर सकती है. नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछड़ों और अति पिछड़ों के हक में ढेरों काम किए हैं. राष्ट्रीय जनता दल ने उनके सिद्धांतों के खिलाफ परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम किया है."- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता
'कर्पूरी ठाकुर के सिद्धांतों पर जदयू का गठन ': जयंती मनाने की होड़ में जदयू भी पीछे नहीं है.जनता दल यूनाइटेड खुद को कर्पूरी ठाकुर का हिमायती मानती हैं कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर को जदयू ने फिलहाल राज्यसभा भेजा हुआ है, लेकिन इससे पहले रामनाथ ठाकुर नीतीश कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं. पार्टी के प्रदेश महासचिव परिमल कुमार ने दावा किया है कि जदयू का गठन कर्पूरी ठाकुर के सिद्धांतों पर हुआ है और हमारे नेता नीतीश कुमार सही मायने में कर्पूरी ठाकुर के अनुयायी हैं. 24 जनवरी को वेटनरी ग्राउंड में हम कर्पूरी ठाकुर के जयंती के मौके पर बड़ा सम्मेलन करने जा रहे हैं.
कर्पूरी ठाकुर के बेटे का क्या कहना है:कर्पूरी ठाकुर के पुत्र व जदयू राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि हमारे पिता परिवारवाद के विरोधी थे. जब तक वह राजनीति में रहे तब तक मैं राजनीति में सक्रिय रहते हुए भी चुनावी राजनीति से दूर रहा. मैं बार-बार जेल गया. उनके बाद में विधायी राजनीति में आया. हमारे पिताजी चाहते थे कि गरीब दलित शोषित को उनका अधिकार मिले, इसके लिए उन्होंने जीवन भर संघर्ष किया.
"नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी जनता दल यूनाइटेड उनके सिद्धांतों पर आगे बढ़ रही है. कई दल उनकी जयंती मना रहे हैं. चुनावी साल है और वोट बैंक की राजनीति की चिंता उन्हें होगी. लिहाजा सभी दल कर्पूरी ठाकुर की जयंती मना रहे हैं. कर्पूरी ठाकुर चाहते थे कि अमीर और गरीब के बीच खाई ना रहे और हमारा समाज समरस हो."- रामनाथ ठाकुर ,कर्पूरी ठाकुर के पुत्र व सांसद