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'बिहार में वालीबॉल को दिया जाएगा बढ़ावा, 100 क्लब को दी जाएगी खेल सामग्री' - वालीबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर अच्यूत सामंत

बिहार के खिलाड़ी अब दूसरे राज्यों के ट्रेनिंग सेंटर और कोच पर निर्भर नहीं रहेंगे. राज्य में खेल को बढ़ावा देने की रणनीति न सिर्फ तैयार की गई है बल्कि इसपर काम भी शुरू कर दिया गया है. बात करें वालीबॉल की तो वालीबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने बिहार में वालीबॉल को बढ़ावा (Bihar Sports News) देने के लिए राज्य के 100 वालीबॉल क्लब को इस खेल से जुड़ी सामग्री उपलब्ध कराने की बात कही हैं. पढ़ें पूरी खबर

President Volleyball Federation Achyuta Samanta
President Volleyball Federation Achyuta Samanta

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Published : Apr 27, 2022, 10:56 PM IST

पटना:ओडिशा के कंधमाल से सांसद एवं वालीबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर अच्यूत सामंत (President Volleyball Federation Achyuta Samanta) ने घोषणा की कि बिहार में वालीबॉल को बढ़ावा देने के लिए उनकी ओर से प्रदेश के 100 वालीबॉल क्लब को खेल सामग्री दी जाएगी. कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (कीट) एवं गरीब बच्चों के समग्र उत्थान के लिए संचालित कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (कीस) के संस्थापक सामंत ने बुधवार को कहा कि बिहार में वालीबॉल को बढ़ावा देने के लिए वह राज्य के 100 वालीबॉल क्लब को इस खेल से जुड़ी सामग्री उपलब्ध कराएंगे.

फेडरेशन के अध्यक्ष से बिहार में वालीबॉल खेल के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यदि इस खेल को बढ़ावा दिया गया तो स्वाभाविक रूप से इस खेल का भविष्य भी उज्ज्वल हो जाएगा. उन्होंने ओडिशा का उदाहरण देते हुए कहा कि आज से पांच-सात साल पहले ओडिशा में भी खेल को लेकर उदासीनता थी लेकिन वहां की सरकार के जबरदस्त प्रयास एवं सहयोग से आज इस राज्य के कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति है.

सामंत ने कहा कि बिहार में खेल निदेशालय एवं सरकार के स्तर पर रग्बी, वेटलिफ्टिंग और शतरंज समेत 10 खेलों की सूची तैयार की गई है, जिन्हें बढ़ावा (volleyball will be promoted in bihar) दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार में खेल को लेकर जिस तरह के प्रयास शुरू हुए हैं उन्हें लगता है कि आने वाले समय में यह प्रदेश इस दिशा में बेहतर प्रदर्शन करेगा.

सांसद से बिहार में कीस की शाखा खोले जाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्होंने इसके लिए प्रयास शुरू किया था लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस दिशा में काम आगे नहीं बढ़ पाया. उन्होंने कहा कि अब फिर से प्रयास शुरू किया गया है और उन्हें उम्मीद है की जल्द ही बिहार में कीस की एक शाखा शुरू हो जाएगी.

वहीं, बिहार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उनके संस्थान से अबतक इस प्रदेश के 16 हजार बच्चे पासआउट हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनके संस्थान में 6000 बच्चे पढ़ रहे हैं.

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