पटना: बिहार में प्रारंभिक शिक्षक (Primary Teacher in Bihar) बनने के इंतजार में लंबे समय से आस लगाए बैठे शिक्षकों का इंतजार अब खत्म हो गया है. 23 फरवरी को अंतिम रूप से चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है. इसी बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसके बारे में हम आपको बता रहे हैं. कहा जाता है कि हौसला बुलंद हो तो हर रास्ता आसान हो जाता है. बिहार के छपरा जिले की रहने वाली शारदा पर ये कहावत सटीक बैठती है.
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शारदा का सपना हुआ साकार:बुधवार को पटना के कन्या मध्य विद्यालय स्कूल में चयनित शिक्षकों को नियुक्ति प्रमाण पत्र दिया जा रहा था. काफी खुशी के माहौल के बीच शिक्षक एक-एक करके अपना नियुक्ति पत्र लेकर निकल रहे थे. उसी शिक्षकों में छपरा जिले के मशरक की रहने वाली 30 वर्षीय शारदा सबसे अलग थीं. शारदा बचपन से ही देख नहीं सकती हैं, वो दृष्टिबाधित हैं. लेकिन, हौसला इतना कि हर मुसीबत को पार कर अब समाज को शिक्षा के प्रति जागरूक करेंगी.
शारदा हर क्लास में रहीं फर्स्ट: शारदा दृष्टिबाधित होते हुए भी बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज तरार रही हैं. हर क्लास में वह फर्स्ट रही हैं, मैट्रिक से लेकर डीएलएड परीक्षा में भी फर्स्ट रही हैं. उन्होंने हर मुसीबत को पार कर अपने सपनों तक पहुंचने के लिए खुद को तैयार किया हुआ है. उनके बुलंद हौसले का ही नतीजा है कि शारदा बच्चों को शिक्षा के गुर सिखाएंगी और समाज के उन लोगों को आईना दिखाएंगी जो अपने आपको किसी से कमजोर समझते हैं. शारदा का प्रारंभिक शिक्षक बनने का सपना साकार (Sharda dream of becoming Primary Teacher come true) हुआ.