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sharad yadav funeral: शरद यादव के अंतिम संस्कार में शामिल हुए मुकेश सहनी, दी श्रद्धांजलि - राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति

वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने शरद यादव के अंतिम संस्कार में शामिल होकर उन्हें अंतिम विदाई दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि शरद यादव जैसे नेता भविष्य में बिरले ही पैदा होंगे. वो खुद में एक राजनीति की किताब थे. शरद यादव का अंतिम संस्कार मध्यप्रदेश के नर्बदापुरम (होशंगाबाद) में किया गया.

शरद यादव का अंतिम संस्कार
शरद यादव का अंतिम संस्कार

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Published : Jan 14, 2023, 7:30 PM IST

पटना: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी शनिवार के मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के आंखमऊ गांव पहुंचे और दिवंगत शरद यादव की अंतिम यात्रा में शामिल होकर उन्हें अंतिम विदाई दी. अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद मुकेश सहनी ने शरद यादव के साथ काम करने के दौर को याद किया. उनके बताए गए संघर्ष के रास्ते पर आज भी उनकी पार्टी चल रही है और आगे भी चलेगी.

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'राजनीति की किताब थे शहद यादव': अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद मुकेश साहनी ने कहा कि दिवंगत नेता राजनीति की पुस्तक थे. उनके द्वारा पढ़ाया गया पाठ राजनीति के क्षेत्र में हर कदम पर मार्गदर्शन करता है. उन्होंने खुद को खुशनसीब बताते हुए कहा कि शरद यादव जी के साथ काम करने अवसर मिला और उनके सानिध्य में राजनीतिक तथा सामाजिक कार्यों में बहुत कुछ सीखने का मौक़ा मिला. शरद यादव ने कभी भी लोहिया और जय प्रकाश नारायण के आदर्शों को नहीं छोड़ा और जीवन के अंतिम दिनों तक भी वे संघर्ष करते रहे.


'शरद यादव जैसा नेता भविष्य में नहीं होगा पैदा': सहनी के साथ पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति और पार्टी के नेता मधुकर आनंद भी दिवंगत नेता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. देव ज्योति ने कहा कि देश की राजनीति में दूसरा शरद यादव भविष्य में पैदा नही हो सकता. उन्होंने कहा कि ऐसे नेता बिरले होते है जो तीन राज्यों के लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किए हों.

तीन राज्यों में लोकसभा का किया था प्रतिनिधित्व: 75 साल की उम्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद नेता शरद यादव का निधन हो गया. भारतीय राजनीती में अपनी उनकी एक अलग पहचान थी. वे राजनीतिक गठजोड़ के माहिर नेता थे. शरद यादव बिहार के मधेपुरा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार सासंद रहे. दो बार मध्यप्रदेश के जबलपुर से सांसद रहे और एक बार उत्तर प्रदेश के बदायूं से लोकसभा के लिए चुने गए.

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