पटना: बिहार में भारतीय सेना में अग्निपथ योजना का विरोध (Violence over Agneepath scheme in Bihar) हो रहा है. प्रदेश में कई जगहों पर छात्रों द्वारा ट्रेन में आग भी लगाई गई. अभी भी प्रदेश में उपद्रव जारी है. इसी बीच राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (RJD spokesperson Mrityunjay Tiwari) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि जिस तरह से सेना में भर्ती करने के नियम बदले गए हैं वह बिल्कुल गलत हैं. निश्चित तौर पर सरकार को इन सब बातों को वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले जिस तरह सेना में भर्ती होती थी वह ठीक था. लेकिन जिस तरह वर्तमान सरकार 4 साल की ही नौकरी के बारे में बात कर रही है वह उचित नहीं है. यही कारण है कि बड़ी संख्या में छात्र इसका विरोध कर रहे हैं. हमारे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इसके विरोध करने का काम किया है. निश्चित तौर पर तेजस्वी यादव उन छात्रों के साथ हैं जो सेना के भर्ती के इस प्रणाली का विरोध कर रहे हैं.
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'अग्निपथ योजना अविलंब वापस ले सरकार' : आरजेडी ने अपनी मांग रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार को सेना में भर्ती करने वाले इस अग्निपथ प्रणाली को फौरन वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि अधिकांश बिहार के लोग ही सेना में भर्ती के लिए जाते हैं. आप खुद बताइए कि अगर नौकरी 4 साल की होगी तो फिर उनका फायदा क्या होगा? उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार चाहती है कि सेना में 4 साल बिहार के लोग नौकरी कर लें. उसके बाद बड़े पूंजीपति के मॉल दुकान और स्टोरों में नौकरी करें. ऐसा नहीं होगा. अग्निपथ योजना को केंद्र सरकार को अविलंब वापस लेना ही होगा.तेजस्वी ने ट्वीट कर केंद्र को घेरा: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना पर अब राष्ट्रीय जनता दल ने वार किया था. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader Of Opposition Tejashwi Yadav) ने बुधवार को ट्वीट किया कि ''अगर देश के सबसे बड़े नियोक्ताओं भारतीय रेलवे व सेना में भी नौकरियां ठेके एवं सिविल शिक्षा में लेटरल एंट्री के नाम पर दी जाने लगेंगे तो युवा क्या करेंगे ? उन्होंने यह भी लिखा कि क्या युवा पढ़ाई और 4 वर्षों की संविदा नौकरी भविष्य में बीजेपी के पूंजीपति मित्रों के व्यवसायिक ठिकानों की रखवाली के लिए करेंगे!''
तेजस्वी ने आगे लिखा, ''ठेकेदारी प्रथा के तहत संविधान प्रदत्त आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है। रेलवे और लेटरल एंट्री में ऐसा ही हो रहा है. अग्निपथ योजना के तहत भाजपा और संघ अपने अनुषांगिक संगठनों के तंग विचारों एवं घृणा से लैस लोगों व Fringe elements को सरकारी खर्चे पर ट्रेनिंग दिलाने को आतुर है. अग्निपथ योजना के अंतर्गत शस्त्र चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर कम अवधि की अस्थायी सेवा की हुई एक बड़ी आबादी 22 वर्ष की आयु में बेरोजगार हो जाएगी. क्या इससे देश में क़ानून व्यवस्था संबंधित समस्या उत्पन्न नहीं होगी?''