बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बिहार में उड़ रही टैक्सी एग्रीगेटर पॉलिसी की धज्जियां, निजी वाहनों का हो रहा व्यावसायिक इस्तेमाल - Transport Secretary Sanjay Aggarwal

परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि वाहनों के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए परमिट लेना आसान कर दिया गया है. ऑनलाईन भी आवेदन देकर परमिट लिया जा सकता है. भारी संख्या में लोग परमिट ले भी रहे हैं. फिर भी कुछ लोग अवैध तरीके से गाड़ी चला रहे हैं, उनपर विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा.

Bihar
Bihar

By

Published : Nov 27, 2020, 8:40 PM IST

पटना: प्रदेश में वाहनों के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए कॉमर्शियल परमिट लेना का प्रावधान है. इससे संबंधित टैक्सी एग्रीगेटर पॉलिसी करीब 2 साल पहले ही लागू हुई है, फिर भी नियम-कानून को तहत चलने वाले टैक्सियों की संख्या काफी कम है. यह दावा खुद टैक्सी चालक ही करते हैं. हालांकि सरकार की ओर से ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है. पेश है खास रिपोर्ट.

बिना परमिट की दौड़ रही गाड़ियां
इस बारे में कमर्शियल वाहन चलाने वाले सुनील पांडे ने बताया कि हम सरकार की ओर से निर्धारित परमिट फीस जमा करते हैं. इसके अलावा इंश्योरेंस और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र लेने के बाद ही गाड़ी का परिचालन कमर्शियल परपस से करना शुरू किया हूं. लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे प्राइवेट गाड़ी मालिक हैं, जो बिना परमिट के वाहनों का व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं.

देखें वीडियो

उन्होंने बताया कि इससे सरकार को राजस्व की क्षति होने के साथ परमिट लेकर वाहन चलाने वालों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे ही एक और टैक्सी चालक ने कहा कि अवैध रूप से वाहनों का परिचालित करने वालों की अच्छी-खासी कमाई हो रही है. सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए.

अवैध तरीके से चल रहे वाहनों पर होगी कार्रवाई- परिवहन सचिव
वहीं, परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि वाहनों के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए परमिट लेना आसान कर दिया गया है. ऑनलाईन भी आवेदन देकर परमिट लिया जा सकता है. भारी संख्या में लोग परमिट ले भी रहे हैं. फिर भी कुछ लोग अवैध तरीके से गाड़ी चला रहे हैं, उनपर विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा. उन्होंने कहा कि वाहनों के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए पीली रंग की नंबर प्लेट होना अनिवार्य है.

नियम के बारे में जानकारी देते परिवहन सचिव संजय कुमार

क्या कहता है नियम
बिहार में टैक्सी एग्रीगेटर पॉलिसी 4 जनवरी 2019 को लागू हुई थी. जिसके तहत नियम है कि रजिस्ट्रेशन के बाद अगर कोई भी ट्रेवल एजेंसी मार्केट में अपनी गाड़ियां चली रही हैं. तो उसे वेबासाइट, इंटरनेट, मोबाइब, एप्प और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किराया प्रकाशित करना है. ताकि यात्रियों को किराये को लेकर परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. नियमों के तहत बिना निबंधित लाइसेंस धारी द्वारा कोई टैक्सी मोटर बाइक या कोई अन्य गाड़ी भाड़े पर नहीं दी जाएगी.

टैक्सी एग्रीगेटर पॉलिसी से जुड़ी महत्वपूर्ण बाते

3 साल के लिए मिलेगा लाइसेंस
बिहार में नई पॉलिसी के तहत ओला और उबर जैसी कंपनियों को टैक्सी के परिचालन के लिए कमर्शियल लाइसेंस लेकर परिचालन करना पड़ता है. पॉलिसी के तहत मोबाइल ऐप के जरिए टैक्सी या कैब की सुविधा देने वाली एजेंसियों के लिए शर्ते भी निर्धारित की गई हैं. इसके तहत आवेदक को 3 साल के लिए लाइसेंस मिलेगा जबकि औपबंधिक लाइसेंस 30 दिनों के लिए होगा. लाइसेंस लेने वाला यह सुनिश्चित करेगा कि उसके लाइसेंस से चल रही सभी टैक्सी या मोटर बाइक वैलिड फिटनेस सर्टिफिकेट, कमर्शियल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस सर्टिफिकेट और पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट के साथ रजिस्टर्ड हो.

ABOUT THE AUTHOR

...view details