मसौढ़ी: बिहार में कोरोना महामारी (Corona Case Increased in Bihar) के संक्रमण का आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. सरकार लगातार कोरोना गाइडलाइन फॉलो करने की बात करती है. लेकिन मसौढ़ी में उसकी किसी को परवाह नहीं है. ना तो यात्री कोरोना को सीरियस ले रहे हैं और न ही कानून का पालन कराने वाली पुलिस. नतीजा ये है कि गाड़ियों में ठूंस ठूंसकर यात्री भरे जा रहे हैं. अंदर जगह नहीं मिल रही है तो छतों पर लदकर यात्रा कर रहे हैं.
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ये तस्वीर है मसौढ़ी पूर्वी बस स्टैंड से खुलने वाले यात्री वाहन की. जहां जीप के अंदर और छत पर ठूंस-ठूंसकर यात्री बैठे हुए हैं. इन यात्रियों को न तो गिरकर जख्मी होने का डर है और न ही कोरोना महामारी का. जीप ड्राइवर भी पुलिस को हफ्ता देकर निश्चिंत है कि उसका कोई क्या बिगाड़ लेगा? इस तरह की यात्रा से न सिर्फ कोरोना गाइडलाइन्स का उल्लंघन (Violation Of Corona Guidelines In Masaurhi) है बल्कि यातायात अधिनियम का भी खुलेआम अनदेखी हो रही है. प्रशासन ने मॉल को भीड़ भाड़ के डर से बंद कर रखा है. लेकिन सड़कों पर दौड़ते 'कोरोना वाहन' पर सरकार या प्रशासन की नजर नहीं है?
ये हाल सिर्फ जीप का नहीं है, शहर के अंदर बस हो या ऑटो, यात्री भेड़ बकरियों की तरह बैठाए जा रहे हैं. ऊपर से किसी भी यात्री के मुंह पर मास्क नहीं है. कोरोना गाइडलाइन का पालन करना हमारी खुद की जिम्मेदारी है. घर पहुंचने की जल्दबाजी में लोग कोरोना भी साथ लेकर घर पहुंच रहे हैं. अपने परिवार को संकट में डाल रहे हैं. इन्हें कोई समझाए कि जिंदगी से ऐसे खिलवाड़ न करें. कोरोना की दूसरी लहर में हमने देखा था कि किस तरह श्मसान घाटों पर लाश जलाने वालों की लाइन लगी हुई थी. लाशें गंगा में बह रहीं थी. आपकी एक गलती आपके परिवार को मुसीबत में डाल सकती है.