पटनाः बिहार में शराबबंदीलागू है. इसके बावजूद लोग शराब बेचते और पीते पकड़े जा रहे हैं. ऐसे में राजधानी पटना के एक गांव में स्थानीय लोगों ने शराब नहीं बनाने और बेचने का संकल्प (Villagers in Patna took pledge not to make liquor ) लिया. शराब एक सामजिक बुराई है और इससे तौबा करने का संकल्प पटना के धनरूआ प्रखंड के कोलहाचक मुसहरी के लोगों ने लिया. इसके लिए यहां के स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया.
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शराब एक सामाजिक बुराई: शराब न केवल सेहत को खराब करती है, बल्कि यह सामाजिक बुराई है और घर को बर्बाद कर देती है. ऐसे में धनरुआ प्रखंड के कोलहाचक मुसहरी के लोगों ने आज संकल्प लिया है कि आज के बाद गांव में कोई भी घर में शराब नहीं बनाएगा और न ही बेचेगा. लोग पूरी तरह से शराब से तौबा कर लेंगे. पूरे गांव को नशा मुक्त करेंगे और अपने बच्चों को पढ़ाएंगे. रोजी रोजगार करके अपने घर में खुशहाली लाएंगे.
सभी ग्रामीणों ने लिया संकल्पः इस मुहिम के दौरान पूरे गांव के लोगों ने शराब से तौबा करने का संकल्प लिया. क्योंकि लगातार कई बार लोगों से शराब बंद करने की अपील भी की गई थी. कोलहाचक मुशहरी के रंजन कुमार, सावित्री कुमारी, सुषमा देवी, सरस्वती देवी आदि लोगों ने इस पहल को स्वीकार किया और पूरे गांव में आज शराब बनाने वाले सभी उपकरण को तोड़कर नदी में फेंक दिया और संकल्प लिया है. इसके साथ ही एक लिखित आवेदन देकर सामूहिक रूप से हस्ताक्षर करते हुए धनरुआ थाने में भी दिया है. इसको लेकर थानाध्यक्ष ने इसके लिए सभी को आभार प्रकट किया है.