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जनप्रतिनिधियों से नाराज ग्रामीणों ने की बैठक, 'रोड नहीं तो वोट नहीं' का ऐलान

बिहार सरकार कहती है कि गांव-गांव सड़क का निर्माण हो चुका है. लेकिन कुछ तस्वीरें ऐसी भी सामने आ रही है. जो सरकारी दावों पर बड़ा सवाल है. पालीगंज में ग्रामीणों ने बैठक कर रोड नहीं तो वोट नहीं का ऐलान किया है.

पालीगंज
पालीगंज

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Published : Sep 28, 2020, 2:13 PM IST

पटना: राजधानी से सटे पालीगंज में मेरा पतौना पंचायत के ग्रामीणों ने बैठक कर वोट बहिष्कार का ऐलान किया है. ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से सड़क निर्माण की मांग की जा रही है. बार-बार जनप्रतिनिधि वादा तो करते हैं लेकिन उसे पूरा नहीं करते हैं. इसलिए इस बार अगर सड़क नहीं बनी तो सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण वोट नहीं करेंगे.

मेरा पतौना पंचायत के महेशपुर, सिद्धिपुर,निरखपुर गांव के मतदाताओं ने बैठक कर वोट बहिष्कार की घोषणा की है. बहेरिया निरखपुर स्थित शिव मंदिर परिसर में महेशपुर, छोटकी निरखपुर, बड़की निरखपुर व सिद्धिपुर गांव के सैकड़ों ग्रामीण मतदाताओं ने बैठक कर पालीगंज से निरखपुर ,गौसगंज होते किंजर के पास अरवल जहानाबाद मुख्य मार्ग तक सड़क निर्माण कार्य की मांग की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'रोड नहीं तो वोट नहीं'
बैठक की अध्यक्षता समाजसेवी सिद्धिपूर गांव निवासी अनुराग शर्मा ने किया. बैठक में महेशपुर ,निरखपुर ,सिद्धिपूर सहित कई गांव के मतदाताओं ने भाग लिया. समाजसेवी अनुराग शर्मा ने बताया कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी सड़क नहीं बनने से ग्रामीणों में इस बार काफी नाराजगी है. उन्होंने कहा कि जिस गांव में सड़क के लिए जमीन नहीं थी. वहां भी किसी ना किसी तरह से जमीन की व्यवस्था कर सड़क बना दी गई. लेकिन मेरा पतौना पंचायत के लोगों की मागों पर ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी, एनके नन्दा, जयवर्धन यादव सहित पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वर्तमान सांसद राम कृपाल यादव से भी लोगों ने मुलाकात कर सड़क की मांग की लेकिन किसी ने आज तक ध्यान नहीं दिया.

मतदाताओं को मनाने की कोशिश
पालीगंज अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार की घोषणा की है. फिलहाल नाराज ग्रामीणों से बातचीत करने के लिए सेक्टर के पदाधिकारी BDO और थानाध्यक्ष को भेजा गया है लेकिन बात नहीं बनी तो मैं खुद जाकर लोगों को समझने का प्रयास करूंगा . मतदान करना उनका मौलिक अधिकार है.

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