पटना: जिले के मसौढी अंतर्गत मीरचक गांव में वर्षो से पुल की मांग कर रहे ग्रामीणों ने गुरुवार को सरकार के खिलाफ एकजुट होकर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने का फैसला लेते हुए पुल नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि जो भी नेता गांव मे वोट मांगने आएंगे उनके सामने पुल का मुद्दा सबसे पहले रखा जाएगा.
पटना: पुल नहीं होने से ग्रामीणों को होती है परेशानी, पुल नहीं तो वोट नहीं का नारा
मसौढी अंतर्गत मीरचक गांव में वर्षो से पुल की मांग कर रहे ग्रामीणों ने गुरुवार को सरकार के खिलाफ एकजुट होकर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने का फैसला लेते हुए पुल नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया है.
बता दें कि मसौढ़ी अंतर्गत मोरहर नदी पर पुल नहीं रहने से मीरचक समेत इलाके के दस गांवो के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नदी के उस पार प्राथमिक और मिडिल स्कूल है. नदी में काफी पानी होने से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. साथ ही गांव से शहर की दूरी भी बढ़ जाती है. लोग बाजार नहीं जा पाते है. कुछ लोग किसी तरह से नदी पार कर बाजार जाते हैं. ग्रामीणों ने एकजुट होकर नदी पर चचरी पुल बनाया गया था. लेकिन इस बार बाढ़ के कारण चचरी पुल भी बह गया. ग्रामीणों का कहना है कि रात को अगर किसी कि तबीयत खराब हो जाए तो अस्पताल ले जाना मुश्किल हो जाता है.
आश्वासन देने वाले नेता को ही मिलेगा वोट
ग्रामीणों का कहना है कि अपनी इस समस्या को लेकर वो विधायक, सांसद, मंत्री, पदाधिकारी सभी के पास गुहार लगा चुके हैं. लेकिन किसी ने हमारी सुध नहीं ली. चुनाव के बाद नेता हमें देखने तक नहीं आते हैं. इस बार विधानसभा चुनाव मे सभी ग्रामीणों ने तय किया है कि जो नेता पुल बनाने का ठोस आश्वासन देगा उसी को वोट दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह निर्णय सिर्फ मीरचक गांव का नहीं बल्कि इलाके के दस गांव का है. हमार अब एकजुट हैं. हमारा वोट उसी को जाएगा जो हमारे लिए पुल बनाएगा.