पटना:अब बिहार में शहरों की तर्ज पर गांव का विकास (Village Development on Lines of Cities in Bihar) होगा. पंचायत के विकास के लिए सरकार ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. पंचायत स्तर पर भी वह तमाम सुविधाएं बहाल होगी, जो शहर के लोगों को हासिल है. केंद्र के बाद बिहार सरकार ने भी योजना तैयार कर ली है. केंद्र सरकार शहरों को स्मार्ट बनाने के बाद अब गांव का भी विकास करना चाहती है. गांव के विकास के लिए केंद्र के स्तर पर मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है.
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केंद्र सरकार गांव के सुधार और संपत्ति कानून के जरिए मैपिंग करवा रही है, जिससे लोगों को स्वामित्व कार्ड मिलेगा. साथ ही अपनी संपत्ति के बदले बैंकों से ऋण भी ले सकेंगे. साथ ही बिहार में 11 लाख आवास गरीबों के लिए बनाए जाएंगे. वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन का लाभ लोगों को मिलने लगेगा. बिहार में तकरीबन 62 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण होगा.
बिहार में पंचायतों के विकास के लिए रोडमैप (Roadmap for Development of Panchayats in Bihar) सरकार बना चुकी है. 5 साल के दौरान हर पंचायत के विकास में 5 से 7 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं. पंचायतों में जहां पार्क का निर्माण कराया जाना है. वहीं, मुक्तिधाम, सीसीटीवी, लाइब्रेरी, पंचायत सरकार भवन और लोक सेवा केंद्र को शीघ्र मूर्त रूप दिया जाना है. पंचायतों को एपीएचसी और पीएचसी और वैलनेस सेंटर के सुदृढ़ीकरण का जिम्मा भी दिया गया है. केंद्र सरकार हर साल बिहार को एक हजार करोड़ रुपए दे रही है.
''प्रधानमंत्री ने कहा है कि गांव के अंदर जो बसावट है उनको राज्यों के साथ मिलकर ड्रोन से उनका मैपिंग करके रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट मिलेगीा, जिससे शहर के मकान पर तो बैंक ऋण देता है, लेकिन गांव के मकान पर ऋण नहीं देता है. लेकिन, जिन राज्यों में हमने शुरूआत की है वहां लगभग एक लाख से ऊपर गांव का हम ड्रोन सर्वेक्षण कर चुके हैं. पंचायती राज विभाग को अन्य कामों के लिए ग्राम स्वराज्य अभियान के लिए 868.57 हजार करोड़ दिया गया है. हम पंचायतों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. केंद्र सरकार गांव के विकास के लिए पर्याप्त धनराशि राज्यों को दे रही है. राज्यों में शहरों की तरह आधुनिक सुविधाएं बहाल की जाएंगी.''- गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री
''पंचायतों के विकास के लिए 2021-22 का प्लान तैयार कर लिया गया है. हर पंचायत में जहां सोलर स्ट्रीट लाइट लगाए जाएंगे, वहीं लोक सेवा केंद्र स्थापित किया जाएगा. गांव के लोगों को प्रखंड कार्यालय और समाहरणालय जाने की जरूरत नहीं होगी. सभी 18 विभागों को मैंने नोडल पदाधिकारी तैनात करने के लिए पत्र लिखा है.''-सम्राट चौधरी, पंचायती राज मंत्री, बिहार सरकार
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