पटनाः राजधानी पटना में गुरुवार को भाजपा के विधानसभा मार्च के दौरान पुलिस की कथित पिटाई से उनके एक कार्यकर्ता की मौत हो गयी. भाजपा नेता राज्य सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगा रही है. लेकिन, पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा का कहना है कि विजय सिंह की मौत का लाठी चार्ज से कोई लेना देना नहीं है. हालांकि एसएसपी ने माना कि मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा.
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भीड़ हटाने के लिए नियम के तहत कार्रवाईः एसएसपी ने बताया कि प्रशासन द्वारा गांधी मैदान में एक सभा करने की अनुमति दी गई थी. उसमें किसी भी प्रकार का जुलूस और विधानसभा मार्च की अनुमति नहीं दी गई थी. इसके बावजूद मार्च निकाला गया और जब उसे रोका गया तो नियम तोड़कर मार्च को आगे लेकर जाने का प्रयास किया गया. पुलिस पर मिर्ची पाउडर और पत्थर से हमला किया गया. इसके बाद भीड़ को हटाने के लिए नियम के तहत कार्रवाई की गई.
"विजय सिंह की मौत का कारण नहीं पता, मगर अभी तक की जांच में पता चला है कि उसका लाठी चार्ज से कोई लेना देना नहीं है. मौत का कारण पोस्टमार्टम में पता चलेगा. मामले में 59 लोगों को नामजद किया गया है और अन्य की पहचान की जा रही है."- राजीव मिश्रा, SSP पटना
भाजपा ने निकाला था विधानसभा मार्च : तेजस्वी यादव के इस्तीफे और शिक्षक नियोजन नियमावली में बदलाव की मांग को लेकर भाजपा ने गुरुवार को गांधी मैदान से विधानसभा मार्च शुरू किया था. डाक बंगला चौराहे पर भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई. पुलिस ने बल प्रयोग किया. वाटर कैनन से पानी की बौछारें की. उसके बाद आंसू गैस के गोले भी छोड़े. भाजपा कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. कहा जाता है कि पुलिस की पिटाई से विजय कुमार सिंह की मौत हो गयी.