पटना: बिहार विधानसभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधीको सजा देने को लेकर महागठबंधन ने विरोध किया और मार्च निकाला. लेकिन इस मार्च से जदयू ने दूरी बना ली. इसको लेकर सुबह से ही बयानबाजी चल रही थी. इसी बीच राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता भी रद्द होने की खबर सामने आई. राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के साथ ही विपक्ष की बेचैनी बढ़ी हुई है और केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला किया जा रहा है. महागठबंधन के मार्च से दूरी बनाने वाली जेडीयू भी अब इस मुद्दे पर मोदी सरकार को आड़े हाथों ले रही है. बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने को देश के लिए खतरनाक बताया है.
Rahul Gandhi Disqualified: 'आनन-फानन में राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करना स्वाभाविक नहीं, पूरा देश आश्चर्यचकित'
मोदी सरनेम पर विवादित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सूरत सेशन कोर्ट ने गुरुवार को दोषी ठहराया और शुक्रवार को उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द भी हो गई. इसपर बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह पूरे देश को चकित और आश्चर्य में डाल देने वाली घटना है. यह देश के लिए अच्छा संदेश नहीं है.
बोले विजय चौधरी- आश्चर्य में डाल देने वाली घटना: विजय कुमार चौधरी ने कहा कि हमें भी पता चला है कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है. मुझे लगता है कि इस खबर को सुनकर सारे बिहारवासी और देशवासी चकित हैं. सभी को आश्चर्य हो रहा है. जदयू भी अचंभित है. जिस तरीके से सूरत के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने केरल के वायनाड के इलेक्शन स्पीच को लेकर इतने बड़े नेता को सजा सुनाया, अपने आप में स्वाभाविक नहीं दिखता है. वहीं आज आनन फानन में सदस्यता समाप्त कर देना पूरे देश को चकित करने वाली, आश्चर्य में डाल देने वाली घटना है.
"इस तरह की प्रक्रिया इतने आनन-फानन में कैसे हो सकती है. न्याय की स्वाभाविक प्रक्रिया होती है और न्याय स्वाभाविक लगना भी चाहिए."-विजय कुमार चौधरी, वित्त मंत्री, बिहार
पहले बनाई दूरी और अब...: विधानसभा की कार्यवाही के दौरान महागठबंधन के मार्च से जेडीयू की दूरी ने कई तरह के सवालों को जन्म दिया. राहुल गांधी को सजा पर महागठबंधन के विरोध मार्च से जदयू ने कन्नी काट ली और पार्टी के सदस्य इसमें शामिल नहीं हुए. महागठबंधन में अंदर खाने सबकुछ ठीकठाक है या नहीं, इसको लेकर कयासों का बाजार एक बार फिर से गरम हो गया. हालांकि अब जेडीयू एक बार फिर से मोदी सरकार पर हमलावर है.