बिगड़ा घर का बजट: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगी 'आग' ने अब थाली से गायब की सब्जी - अंटा घाट सब्जी मंडी
बढ़ती महंगाई अब आम आदमी के किचन तक जा पहुंची है. जिसके कारण घर का बजट बिगड़ने लगा है और अन्य खर्चों में कटौती कर सब्जियां खरीदी जा रही है. प्रदेश में बारिश की वजह से सब्जियों की आवक कम है, तो वहीं डीजल के बढ़ते दामों के कारण भी परिवहन महंगा हो रहा है. जिसका असर सब्जियों के दामों पर पड़ रहा है.
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Published : Oct 18, 2021, 9:06 AM IST
पटना: प्रदेश में त्योहारों का सीजन चल रहा है. नवरात्रि पर्व बीतने के साथ चंद दिनों में दिवाली और छठ का त्योहार भी आने वाला है. ऐसे में पूजा पाठ और घर के सामान खरीदने में लोगों का काफी खर्च होता है और फेस्टिव सीजन में खर्च करने के लिए लोग पहले से ही सेविंग करना शुरू कर देते हैं. लेकिन इस बार हालात कुछ अलग है. लोगों की बचत नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह है महंगाई(Inflation In Bihar). पेट्रोल और डीजल (Petrol And Diesel Price) के बाद आसमान छूती सब्जी की कीमतों (Vegetable Price In Bihar) ने लोगों की परेशानी को और अधिक बढ़ा दिया है. सब्जी मंडी में लोग सब्जी खरीदने पहुंच रहे हैं और लोगों की जेब खाली हो जा रही है मगर सब्जी का थैला नहीं भर पा रहा है.
एक तरफ जहां डीजल और पेट्रोल की कीमतें आसमान छूने लगे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ सब्जियों की कीमत में भी आग लग चुकी है. पिछले एक सप्ताह की बात करें तो सब्जियों के दाम दोगुने बढ़ गए हैं. लगातार बढ़ते दामों की वजह से आम लोगों के किचन का बजट प्रभावित हो रहा है. वहीं, राजधानी पटना के अंटा घाट सब्जी मंडी में सब्जी खरीद रही कुसुम देवी ने बताया कि सब्जी की कीमत काफी बढ़ी हुई है. कोई भी सब्जी 50 रुपये से कम में नहीं है. सब्जी की बढ़ी हुई कीमत से घर का पूरा बजट बिगड़ गया है. समझ में नहीं आ रहा है कि यह महंगाई लगातार इतनी क्यों बढ़ रही है.
सब्जी मंडी में सब्जियों की खरीदारी कर रहे ग्राहक संतोष कुमार ने बताया कि सब्जी का रेट काफी बढ़ा हुआ है. खासकर हरी सब्जियों के दाम 50 रुपये से कम में नहीं मिल रहा है. नेनुआ और भिंडी भी 30-40 रुपये किलो मिल रहा है. आलू प्याज का रेट भी काफी बढ़ गया है. अभी प्याज की कीमत दोगुनी चल रही है. यह सीजन बैगन और परवल का है, लेकिन इसके बावजूद बैगन 50 रुपये और परवल 80 रुपये किलो मिल रहा है.
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एक वक्त भोजन के लिए सब्जी की व्यवस्था कर पाना आम लोगों के लिए कठिन हो रहा है. महंगाई इस कदर बढ़ रही है कि भविष्य को लेकर आदमी कुछ सोच समझ नहीं पा रहा है. वर्तमान की व्यवस्था करने में ही पूरा पैसा खर्च हो जा रहा है.
वहीं सब्जी खरीद रहे ग्राहक सुरेंद्र कुमार ने कहा कि सब्जी काफी महंगी है. सभी सब्जी की कीमत दोगुने से तिगुने भाव पर चली गई है. पहले 200 रुपये से लेकर मंडी में आने पर थैला भरकर सब्जी लेकर जाते थे. लेकिन अब 500 रुपये खर्च हो जा रहा है, मगर थैला नहीं भर पा रहा है. कोई भी सब्जी 50-60 रुपये किलो से कम में नहीं मिल रही है.
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अंटा घाट सब्जी मंडी के दुकानदार सतीश कुमार ने बताया कि सभी सब्जियों के रेट में हाल के दिनों में काफी इजाफा हुआ है. टमाटर 80 रुपये मंडी में चला गया है और प्याज के दाम भी बीते दो महीने में दोगुने हो गए हैं. दुकानदार ने कहा कि सब्जी की बढ़ी हुई कीमतों की प्रमुख वजह है डीजल-पेट्रोल के रेट में हुई अप्रत्याशित वृद्धि. इससे भाड़ा काफी बढ़ गया है. इसके अलावा बिहार में इस बार बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है और सब्जी की फसल की काफी क्षति हुई है. लोकल सब्जियां कम मिल रही हैं और सभी बाहर से आयात करानी पड़ रही है.
दुकानदार कुश कुमार में कहा कि लौकी 30-40 रुपये पीस बिक रही है और नेनुआ 30 रुपये किलो है. वहीं, भिंडी 30-40 रुपये किलो बिक रही है और बाकी सब्जियां थोड़ी महंगी है. महंगाई का मूल कारण यह है कि डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बेताहशा वृद्धि. यहां कुछ सब्जियों के दाम दिखाए गए हैं जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि मूल्यों में कितनी वृद्धि हुई है.