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वशिष्ठ बाबू के भाई का छलका दर्द, बोले- बिहार का दुर्भाग्य है कि मरने के बाद भी कद्र नहीं - Vasishtha Narayan Singh

अयोध्या नारायण सिंह ने कहा कि ये बिहार का दुर्भाग्य है कि वशिष्ठ नारायण सिंह को जीते जी कोई मदद नहीं मिली और आज मरने के बाद भी वही हुआ. निराश स्वर में उन्होंने कहा कि वो थक गए हैं. किसी से फरियाद करने का कोई फायदा नहीं है.

पीएमसीएच परिसर में शव लिए खड़े रहे वशिष्ठ नारायण सिंह के भाई

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Published : Nov 14, 2019, 4:49 PM IST

पटना:देश के जाने-माने गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का गुरुवार को पटना के पीएमसीएच में निधन हो गया. वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन के बाद बिहार सरकार की निष्ठुरता सामने आई है. पीएमसीएच में उनके निधन के बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव ले जाने के लिए एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराई.

वशिष्ठ नारायण सिंह के भाई अयोध्या नारायण सिंह ने सरकार पर वशिष्ठ नारायण की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. अपने भाई के पार्थिव शरीर को लेकर अयोध्या नारायण सिंह घंटों पीएमसीएच गेट के बाहर खड़े रहे. लेकिन, कोई उनकी मदद को आगे नहीं आया. वो उनका शव स्ट्रेचर पर लिए नम आंखों से उनकी ओर देखते नजर आए.

पीएमसीएच परिसर में शव लिए खड़े रहे वशिष्ठ नारायण सिंह के भाई

'किसको कहें, कौन सुनेगा?'
अयोध्या नारायण सिंह ने पीएमसीएच परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये बिहार का दुर्भाग्य है कि वशिष्ठ नारायण सिंह को जीते जी कोई मदद नहीं मिली और आज मरने के बाद भी वही हुआ. निराश स्वर में उन्होंने कहा कि वो थक गए हैं. किसी से फरियाद करने का कोई फायदा नहीं है.

अयोध्या नारायण सिंह का बयान

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2 घंटे बाद खुली सरकार की नींद
मीडिया में ये खबर चलने के बाद बिहार सरकार हरकत में आई और तब जाकर वशिष्ठ नारायण सिंह के परिजनों को अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस मुहैया करवाया. जानकारी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जाप संरक्षक पप्पू यादव और प्रदेश के अन्य नेता वशिष्ठ नारायण को श्रद्धांजलि देने अशोक राजपथ स्थित कुलहड़िया पैलेस पहुंचे. सभी ने वशिष्ठ नारायण के निधन को अपूरणीय क्षति बताया.

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