भाजपा और भाकपा के बीच तकरार. पटना: बिहार में बजट का सत्र चल रहा है. मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने भाजपा विधायकों की गैरमौजूदगी में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की. महबूब आलम ने वीर सावरकर को लेकर टिप्पणी की थी, जिसे लेकर भाजपा नेताओं में नाराजगी (BJP angry on Mehboob Alam statement) है. बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद भाजपा नेताओं के तेवर देखने लायक थे.
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जिन्ना से जोड़कर महबूब आलम पर टिप्पणीः भाजपा विधायक संजय सरावगी ने सदन की कार्यवाही के दूसरे हाफ में अपने तेवर दिखलाए. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक संजय सरावगी जोर-जोर से महबूब आलम को तलाशने लगे. संजय सरावगी ने जिन्ना से जोड़कर महबूब आलम पर टिप्पणी की. इस दौरान जमकर शोर-शराबा हुआ. विधानसभा अध्यक्ष ने आपत्तिजनक टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने का आश्वासन दिया, तब जाकर हंगामा शांत हुआ.
सावरकर नहीं थे वीरः महबूब आलम अपने बयान से पीछे हटने को तैयार नहीं थे. महबूब आलम ने कहा कि मैंने जो कुछ कहा वह सही था. सावरकर वीर नहीं थे. उन्होंने माफी मांगी थी. सच्चाई भाजपा नेताओं को बर्दाश्त नहीं होती और वह अनर्गल टिप्पणी करते हैं. महबूब आलम के बयान पर भाजपा विधायक संजय सरावगी ने पलटवार करते हुए कहा कि हम संस्कार का परिचय देते हैं. लेकिन जिस तरीके से भाकपा माले के लोगों ने टिप्पणी की है वह अफसोस जनक है.
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बांग्लादेश से आए हैं महबूब आलमः संजय सरावगी ने कहा कि महबूब आलम खुद भारतीय नहीं हैं. वह बांग्लादेश से आए हैं, इसकी जांच होनी चाहिए. भाजपा के फायर ब्रांड नेता हरी भूषण ठाकुर ने भी महबूब आलम पर हमला बोला और कहा कि उनका संबंध जिन्ना से रहा है, इसलिए वह वैसे ही भाषा का इस्तेमाल करते हैं. भाकपा माले विधायक अजीत कुशवाहा ने कहा कि सावरकर को हम वीर नहीं मानते हैं. उन्होंने माफी मांगने का काम किया था. हमारे नेता सच बोल रहे हैं उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि जिन्ना की मजार पर चादर पोशी करने कौन गए थे.