पटना: बिहार विधानसभा में जातीय जनगणना (uproar in bihar assembly over caste census) को लेकर आरजेडी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. असल में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का अल्प सूचित प्रश्न जातीय जनगणना (caste census in bihar) से संबंधित था. लेकिन अल्प सूचित प्रश्न का समय समाप्त होने के कारण विधानसभा अध्यक्ष आगे बढ़ गए. जातीय जनगणना से संबंधित तेजस्वी यादव के प्रश्न का जवाब नहीं होने पर आरजेडी के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और वेल में पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
पढ़ें- 'लालू यादव को मारने की हो रही है साजिश': माले विधायक महबूब आलम ने बिहार विधानसभा में उठाया मुद्दा
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर हंगामा:तेजस्वी यादव ने प्रश्न पूछने के लिए पार्टी के विधायक रामानुज प्रसाद को अधिकृत किया था. लेकिन उससे पहले भाई वीरेंद्र के प्रश्न पर 20 मिनट समय चला गया और इसीलिए नेता प्रतिपक्ष के प्रश्न का जवाब नहीं हो सका. आरजेडी के वरिष्ठ विधायक आलोक मेहता ने कहा कि पहले भी अल्प सूचित प्रश्न का समय सदन में बढ़ाया गया है और यह गंभीर मामला था. पहले भी यह सवाल सदन में आया था लेकिन जवाब नहीं हुआ. जातीय जनगणना को लेकर सर्वसम्मति प्रस्ताव भी भेजा गया है जिसमें बीजेपी भी शामिल थे. लेकिन अब सरकार जवाब देने से भी भाग रही है. हम लोगों को उम्मीद है कि नीतीश कुमार इस मामले को गंभीरता से लेंगे. लेकिन साफ लग रहा था कि कहीं ना कहीं सरकार पर दबाव है और इसीलिए प्रश्न का जवाब नहीं होने दिया गया.
सरकार पर जवाब देने से बचने का आरोप:सदन में आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मौजूद नहीं थे. इस पर आलोक मेहता ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने प्रश्न पूछने के लिए अधिकृत किया था और सदन में तो मुख्यमंत्री भी मौजूद नहीं थे. आरजेडी विधायक का साफ कहना था कि सरकार जवाब देने से बचना चाह रही थी और इसलिए विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्न का उत्तर नहीं होने दिया. आरजेडी सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने साफ कहा कि आसन किसी के दबाव में नहीं आ सकता है. ना तो सत्ता पक्ष के और ना ही विपक्ष के. उसके बाद सदन की कार्यवाही को विधासभा अध्यक्ष ने स्थगित कर दिया. तेजस्वी यादव के प्रश्न के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई.