राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पटना:लोकसभा का 5 दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है. चर्चा यह है कि इस दौरान वन नेशन वन इलेक्शन की नीति पर चर्चा होगी और इसको लेकर अब पूरे देश में सियासत भी तेज हो गई है. राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का मानना है कि अगर ऐसा होता है तो या देश हित में होगा.
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एक देश.. एक चुनाव.. जरूरी- उपेंद्र कुशवाहा: उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि किस मुद्दे पर लोकसभा का विशेष सत्र बुलाया गया यह तो हमें नहीं पता है, लेकिन अगर वन नेशन वन इलेक्शन की नीति को लेकर चर्चा होगी तो बहुत अच्छी बात होगी. इससे पैसे की बर्बादी भी बहुत होती है. ऐसा देखा जाता है कि पूरे साल देश में कहीं ना कहीं किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं. प्रशासनिक तंत्र को भी इस चुनाव को करवाने में काफी दिक्कत होती है. इसका समाधान अगर है तो वन नेशन वन इलेक्शन ही है और इसे देश में लागू होना चाहिए. वहीं भाजपा के प्रवक्ता योगेंद्र पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगर यह सोच बना ली है तो यह लागू होकर रहेगी.
"पूरे देश में अगर एक साथ चुनाव होगा तो लोगों को परेशानी भी कम होगी. चाहे वह प्रशासन तंत्र की परेशानी की बात हो या पैसे की बर्बादी की बात हो. निश्चित तौर पर इन सबसे राहत मिलने वाली है. जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वह गलत हैं. हम तो चाहते हैं कि पूरे देश में एक साथ चुनाव हो. फिर चाहे वह लोकसभा का या विधानसभा का चुनाव हो."- उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय लोक जनता दल
"इसकी जिम्मेदारी महामहिम पूर्व राष्ट्रपति महोदय को दी गयी है. यह बहुत अच्छा कदम है. अगर सरकार इसको लेकर विशेष सत्र बुला रही है तो बहुत अच्छी बात है. इससे पैसे की बर्बादी को रोका जाएगा और देश आगे बढ़ेगा. विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है इसीलिए ऐसी बातों को लगातार मुद्दा बना रहा है. लेकिन जनता जानती है कि देश हित का काम अगर कोई कर रहा है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं."-योगेंद्र पासवान, बीजेपी प्रवक्ता
'एक देश.. एक चुनाव.. पर केंद्र सरकार का बड़ा कदम ':मोदी सरकार ने एक देश एक चुनाव की संभावनाएं तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है. इससे लोकसभा चुनाव का समय आगे बढ़ने की आशंका भी जतायी जाने लगी है. ऐसा करने के पीछे का कारण कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ संपन्न कराना को माना जा रहा है. बता दें कि देश में 1967 तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए थे.