पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री सह रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में चल रही शिक्षकों की नियुक्ति पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह यूपी और झारखंड मे शिक्षकों की बहाली होती है, उसी तरह बिहार में भी शिक्षकों की बहाली होनी चाहिए. उन्होंने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को काले झंडे दिखाए जा रहे हैं, क्योंकि लोगों में आक्रोश है.
बोले कुशवाहा- सरकारी नौकरियों में बिहार के युवाओं को मिले प्राथमिकता, दूसरे राज्यों में भी है ये नियम
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार के युवाओं को अन्य राज्यों में नौकरी का अवसर नहीं मिलता है. वहीं, बिहार में ऑल इन वन का नियम लागू है. अन्य राज्यों के लोगों को यहां नौकरी मिल जाती है, इससे बिहार के युवा बेरोजगार रह जाते हैं.
उपेंद्र कुशवाहा, रालोसपा प्रमुख
यूपी में शिक्षक बहाली का उदाहरण देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जिस तरह यूपी में शिक्षकों की बहाली होती है, उसका एक क्राइटेरिया है कि वहां 5 साल से अधिक समय से रह रहे लोग ही शिक्षक बन सकते हैं. तो बिहार में भी ऐसा ही लागू होना चाहिए. इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री जी को केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए. बिहार में बाहर से आकर यहां के युवाओं का रोजगार छीना जा रहा है.
क्या बोले कुशवाहा...
- बिहार के बगल के राज्य झारखंड, यूपी में सिर्फ और सिर्फ वही के छात्रों को नौकरी दी जा रही है. जिससे बिहार युवा वंचित रह जाते हैं.
- बिहार में ऑल इन वन का नियम अभी भी चल रहा है. इस आधार पर बिहार के छात्र बिहार में अच्छे से नौकरी नहीं पा रहे हैं.
- नीतीश कुमार को भी केंद्र सरकार से बात करके बिहार के छात्रों को सभी राज्यों में वैकेंसी के लिए अनिवार्य कर देना चाहिए.
- नहीं तो अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी दूसरे राज्यों के छात्रों पर पाबंदी लगा देनी चाहिए.
- बिहार में शिक्षकों की अभी भी काफी कमी है. इसका खामियाजा बिहार के छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.