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जानें कौन है फजल उल रहमान उर्फ फजलू, जिसने दाऊद इब्राहिम से भी की थी वसूली!

मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी ने महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार किया है. उनपर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से रुपए के लेनदेन का आरोप है. अब जब मनी लॉन्ड्रिंग और दाउद इब्राहिम की बात आयी, तो एक और डॉन की बात होना लाजिमी है. उसका नाम फजल उल रहमान ऊर्फ फजलू डॉन है. यह वही शख्स है, जिससे दाऊद इब्राहिम भी कांपता था. गौतम अडाणी का अपहरण कर देश भर के कारोबारियों में दहशत फैलानेवाला फजलू बिहार का रहने वाला है. पढ़ें रिपोर्ट...

फजलू डॉन की कहानी
फजलू डॉन की कहानी

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Published : Apr 20, 2022, 5:13 PM IST

पटनाः अंडरवर्ल्ड का नाम आए तो आपके जेहन में एक ही नाम आएगा, दाऊद इब्राहिम लेकिन आज हम बात दाऊद की नहीं, ऐसे डॉन की करने जा रहे हैं, जिससे दाऊद इब्राहिम भी कांपता था. उसका नाम फजल उल रहमान उर्फ फजलू है. वह बिहार का रहनेवाला है. फिलहाल वह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है. फजलू को कोई याद रखे या ना रखे, दाऊद इब्राहिम और गौतम अडाणी हमेशा याद रखेंगे. 1995 में उसने दाउद इब्राहिम से 50 लाख रुपए हफ्ता के रूप में वसूला था. वहीं 1998 में गौतम अडाणी का अपहरण कर 15 करोड़ रुपए की फिरौती वसूल की थी.

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मनी लॉन्ड्रिंग में नाम आया सामनेः दरअसल महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के द्वारा गिरफ्तार किया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी और दाऊद इब्राहिम से संबंधित लोगों से रुपए के लेनदेन के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है. उनके परिवार के सदस्यों और दो कंपनियों के दफ्तर को कुर्की की नोटिस दी गई है. ईडी के मुताबिक 3 फरवरी 2022 को दाऊद इब्राहिम और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा के तहत मामला दर्ज कराया गया था. एफआईआर में कहा गया कि दाऊद इब्राहिम ने भारत छोड़ने के बाद भी भारत में अपनी आपराधिक गतिविधियों को अपने करीबियों जैसे हसीना पारकर और अन्य के माध्यम से नियंत्रण कर रहा है. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दाऊद इब्राहिम का नाम सामने आने से फजलू की भी चर्चा होने लगी है, जिससे कभी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी डरता था।

ऐसे लाइमलाइट में आया फजलूः दरभंगा जिले के जाले थाना क्षेत्र के देवडा बंधौली का रहने वाला अंडरवर्ल्ड डॉन अंडरवर्ल्ड की दुनिया में फजल उल रहमान उर्फ फजलू ने जब शुरुआती दौर में अपराध की दुनिया में कदम रखा था, तो वह जमील खान के साथ काम करता था. जमील के साथ रहते हुए उसका संपर्क अपहरण किंग बबलू श्रीवास्तव और इरफान गोगा जैसे बड़े गैंगस्टर से हुआ. फिलहाल अंडरवर्ल्ड डॉन फजल उल रहमान पिछले कई वर्षों से तिहाड़ जेल में बंद है. साल 2018 में 10 दिन के पैरोल पर अपने भतीजे की शादी में शरीक होने के लिए वह अपने गांव दरभंगा आया था.

1995 में डॉन भी कांपाः अंडरवर्ल्ड डॉन फजल उल रहमान उर्फ फजलू का नाम तब फेमस हुआ, जब उसने खुद अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से ही फजल उल रहमान उर्फ फजलू ने 50 लाख रुपए हफ्ता वसूली कर ली थी. हालांकि यह बात दाऊद और उसके भाई अनीश को नागवार गुजरी थी, जिसके बाद इरफान गोगा का मर्डर कर दिया गया था. बात वर्ष 1995 की है. इरफान का फजलू के पास दुबई से फोन आया,' मैं दाऊद के बहनोई हामिद अंतुले को उगाही के लिए फोन कर रहा हूं. तुम हैदराबाद जाओ और अपने लोकल संपर्कों के जरिए तुम भी हामिद को हफ्ते के लिए फोन करो.' फजलू ने हामिद को फोन किया तो उसने दाऊद को कॉल किया. दाऊद ने अनीश से कहा कि 'फजलू को यह रकम लेने के लिए मना करो' तब अनीस ने फजलू को फोन किया तो उसने अनीश से कहा 'तुम मेरे बॉस नहीं हो, मेरा बॉस इरफान गोगा है'. बाद में दाऊद को अपने बहनोई तक 50 लाख रुपए पहुंचाने पड़े.

1998 में गौतम अडाणी का अपहरणः इसको दाऊद इब्राहिम ने खुद का अपमान माना. इस घटना के बाद दाऊद इब्राहिम ने अपने गुर्गों से इरफान गोगा की हत्या करवा दी. फजलू इतने में ही नहीं रुका. 1998 में फजलू और उसके साथी ने उद्योगपति गौतम अडाणी का गांधीनगर हाईवे से अपहरण कर लिया था. आरोप है कि इसके बदले अडानी से 15 करोड़ की फिरौती मांगी गई थी, जिसका भुगतान हवाला नेटवर्क के जरिए दुबई से किया गया था. यह ऐसे 2 नाम हैं, जिस वजह से अंडरवर्ल्ड की दुनिया में फजलू के नाम का सिक्का चलने लगा.

फिरौती के कई मामले दर्जः मूल रूप से बिहार का रहने वाले अंडरवर्ल्ड डॉन फजलू के खिलाफ महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. फजलू पहले बिहार के ही शातिर अपराधी जमील खान के साथ काम करता था. उसके बाद वह दाऊद इब्राहिम के करीबी मिर्जा दिलशाद के जरिए इरफान गोगा और बबलू श्रीवास्तव से मिला. उनसे मिलने के बाद उनके लिए काम करने लगा. यहीं नहीं, फजलू पर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी की ओर से सूरत के प्रफुल्ल साड़ी के मालिक से बाकी रकम के वसूली के लिए भी धमकी देने का मामला दर्ज है. इसके अलावा विशाल एक्सपोर्ट और बाघ बकरी चाय वाले से फिरौती वसूलने के भी मामले दर्ज हैं.

गुजरात के जेल में भी था बंदः मुंबई के डीबी मार्ग पुलिस थाने में तब एक एफआईआर दर्ज हुई थी, जब 1 हीरे के व्यापारी को गोली मार दी गई थी. इसमें चार आरोपी गिरफ्तार हुए थे. तीन दोषी भी साबित हुए थे. एक कोर्ट ने बरी कर दिया था फजलू को उस केस में वांटेड दिखाया गया था. मुंबई के इस केस के अलावा भी उस पर पूरे देश में 40 मामले और दर्ज हैं. ऐसे ही एक केस में वह गुजरात की जेल में भी बंद था. फजलू मुंबई के कुर्ला में काफी समय रहा है, जहां पर रियाज और इकबाल भटकल से काफी अच्छी दोस्ती थी.

मुंबई क्राइम ब्रांच ने लगाया मकोकाः इंडियन मुजाहिदीन के लोगों ने एक दशक पहले पूरे देश में कई बम धमाके किए थे. उसके दो संस्थापक रियाज और इकबाल भटकल की भी फजलू से जिगरी दोस्ती थी. इंडियन मुजाहिदीन गैंग से जुड़े लोगों ने व्यापारियों की किडनैपिंग के बाद मिली फिरौती की रकम से धमाकों के विस्फोटक सामग्री खरीदी थी. हालांकि इसका नाम किसी भी आतंकी गतिविधि में सामने नहीं आया है. आपको बता दें कि फजल उल रहमान उर्प फजलू पर मुंबई क्राइम ब्रांच ने मकोका लगाया है.

जारी किया गया था रेड कॉर्नर नोटिसः बिहार के दरभंगा से दाऊद का गहरा रिश्ता रहा है. दाऊद इब्राहिम का दायां हाथ कहे जाने वाला फजलू तिहाड़ जेल में कई वर्षों से बंद है. इंटरपोल और सीबीआई के अलावा कई राज्यों की पुलिस को पिछले कई वर्षों से चकमा देने वाले फजलू को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 6 अगस्त 2016 को नेपाल बॉर्डर के गोरखपुर के पास से एसीपी संजीव यादव की टीम ने गिरफ्तार किया था. उसपर दुबई में 7 वर्ष एवं 2 साल मलेशिया में रहकर करोड़ों रुपए फिरौती बटोरने का आरोप लगा था. इसके बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था.

फिरौती नहीं देने पर मार दी थी गोलीः बताया जाता है कि उसे दाऊद तक पहुंचाने वाला लहरिया सराय थाना क्षेत्र के बेंता निवासी जम्मो खान था. फजलू से पहले जम्मो दाऊद इब्राहिम का राइट हैंड हुआ करता था. बाद में वह काठमांडू में मारा गया. उसका शव अब तक नहीं मिल सका है. दाऊद से जुड़ने से पहले फजलू 4 साल तक दरभंगा जेल में भी रहा है. जेल में ही उसकी मुलाकात जम्मो खान से हुई थी. बताया जाता है कि गौतम अडाणी से फिरौती लेने के बाद साल 1998 में फजलू दुबई चला गया. जब साल 2003 में दुबई में माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया गया, तो फजलू दुबई से थाईलैंड निकल गया. फजलू ज्यादा दिन थाईलैंड में नहीं रुका और वह नेपाल आ गया. उसके बाद साल 2005 में भारत आ गया. यहां एक कारोबारी के रंगदारी देने से इनकार करने पर फजलू ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था.

10 दिन की पेरोल पर आया था घरः बताया जाता है कि वर्ष 2018 में फजलू 10 दिन की पेरोल पर अपने गांव आया था. अपने भतीजा मुजतुबा आरजू की शादी में भाग लेने के लिए वह गांव आया था. 20 अप्रैल को कमतौल थाना क्षेत्र के कमतौल गांव में बारात गई थी. 24 अप्रैल को वलीमा का आयोजन था. इस दौरान इंटेलिजेंस विभाग के अधिकारियों को दरभंगा में तैनात किया गया था. आपको बता दें कि फजलू के पिता अब्दुल वासित गांव के मुखिया रह चुके हैं.

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