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Ramcharitmanas controversy: उमेश कुशवाहा ने कहा 'हम किसी गठबंधन के साथ रहे सिद्धांत से समझौता नहीं' - शिक्षा मंत्री के बयान पर जदयू की प्रतिक्रिया

शिक्षा मंत्री के बयान पर जदयू के तरफ से लगातार दबाव बनाया जा रहा है. एक तरफ से पार्टी ने पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कहा कि हम सभी धर्म और धार्मिक ग्रंथ का सम्मान करते हैं और अब प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने भी आरजेडी को एक तरह से मैसेज दिया है. पढ़ें पूरी खबर.

उमेश कुशवाहा
उमेश कुशवाहा

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Published : Jan 16, 2023, 10:57 PM IST

पटना:बिहार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान पर जेडीयू और आरजेडी के बीच विवाद गहराता जा रहा है. जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने राम चरित मानस पर शिक्षा मंत्री के बयान पर कहा कि हमारी पार्टी संविधान के प्रति अटूट आस्था रखती है, जो इसे अन्य दलों से पृथक करती है. यही कारण है कि जदयू को पार्टी विद डिफरेंस के नाम से जाना जाता है. उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा संविधान के समर्थन में सख्त है.

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'हम चाहे किसी भी दल के साथ गठबंधन में हों, अपने मूलभूत सिद्धांत से कभी समझौता नहीं करते. जहां तक धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या का प्रश्न है तो जनता दल यूनाइटेड का मानना है कि यह धर्म गुरुओं का काम है, राजनेताओं का काम नहीं है. यही कारण है कि हम किसी भी राजनेता द्वारा धर्म विशेष पर दिए गए आपत्तिजनक बयान का विरोध करते रहे हैं'- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जनता दल यूनाइटेड


धर्म एवं जाति की राजनीति नहीं : उमेश कुशवाहा ने आगे कहा कि जदयू धर्म एवं जाति की राजनीति करता ही नहीं. संपूर्ण जमात की राजनीति करता है. हमारी पार्टी का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को न्याय उपलब्ध कराना और उन्हें सम्मान देते हुए विकास को सुनिश्चित करना है. हमारे नेता नीतीश कुमार के इसी गुण के कारण राष्ट्रीय स्तर पर उनकी एक अलग पहचान बनी है और वे राजनीतिक शुचिता के प्रतीक बन चुके हैं.

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आस्था का सम्मानः प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारी आस्था संविधान में वर्णित धर्मनिरपेक्षता में है. हमारे मूल संविधान में अनुच्छेद 25 से 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार शामिल हैं. संविधान में धर्म निरपेक्षता को और भी स्पष्ट करने के लिए 42वें संविधान संशोधन द्वारा पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़े गए, जिसका तात्पर्य ही है सभी धर्मों का सम्मान करना. हम इसी सिद्धांत के आधार पर विकास की सारी रणनीति बनाते हैं. हमारी आस्था रामायण, महाभारत, कुरान शरीफ, बाइबल एवं गुरु ग्रंथ साहिब सभी में है एवं हम सभी धर्मावलंबियों की आस्था का सम्मान करते हैं.


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