बिहार

bihar

ETV Bharat / state

पटना: एयरफोर्स के राहत का काम बंद होने पर नीतीश सरकार पर भड़के उदय नारायण चौधरी

पिछले 10 साल में ड्रेनेज सिस्टम को सही करने के नाम पर 6 हजार करोड़ रुपये खर्च किये गए. अधिकांश समय नगर विकास विभाग पर बीजेपी का कब्जा रहा. लेकिन बीजेपी के लोग इस पर बोलने के लिए तैयार नहीं हैं.

उदय नारायण चौधरी

By

Published : Oct 2, 2019, 5:15 PM IST

पटनाःराजधानी पटना में दो दिनों तक फूड पैकेट्स पहुंचाने के बाद आज वायुसेना के हेलिकॉप्टर्स ने राहत कार्य बंद कर दिए, जिस पर विपक्ष भड़क उठा है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सह राजद नेता उदय नारायण चौधरी ने इस फैसले पर नीतीश सरकार को घेरा है. राजद नेता ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है, इसलिए जलजमाव खत्म होने से पहले ही एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर वापस चले गए.

उदय नारायण चौधरी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि अभी भी राजधानी के लोग पानी में फंसे हुए हैं. पीड़ित लोग राहत सामग्री का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन राहत कार्य को बंद कर दिया गया. उदय नारायण चौधरी ने कहा कि पिछले 10 साल में ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के नाम पर 6 हजार करोड़ रुपये खर्च किये गए. लेकिन इस पैसे का क्या हुआ सरकार के पास कोई जवाब नहीं है.

वायुसेना का हेलिकॉप्टर

सम्प हाउस का काम नहीं करना सरकार की नाकामी
राजद नेता ने जलजमाव को लेकर बीजेपी को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि सरकार में अधिकांश समय नगर विकास विभाग पर बीजेपी का कब्जा रहा. लेकिन बीजेपी के लोग चुप क्यों हैं, वो कुछ बोलते क्यों नहीं. नगर के विधायक से लेकर मेयर बीजेपी के हैं. राजेन्द्र नगर और कंकड़बाग की स्थिति को आपदा बताये जाने पर कहा कि पता नहीं यहां का कैसा सिस्टम है. बारिश के बाद जलजमाव की स्थिति बन जाती है लेकिन जल निकासी नहीं हो पाती. भारी भरकम राशि खर्च करने के बाद भी पटना का ड्रेनेज सही नहीं हुआ. सरकार से सवाल पूछते हुए राजद नेता ने कहा कि बारिश के समय सम्प हाउस क्यों नहीं काम कर रहा था. यह सरकार की बड़ी नाकामी है.

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी सरकार से सवाल पूछते हुए

जल्द हो जलनिकासी
राजद नेता ने कहा कि प्रदेश की राजधानी पटना में लोग सुरक्षित नहीं है, ऐसे में गांव में बाढ़ के हालात में क्या होता होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. सरकार से मांग करते हुए कहा कि जलनिकासी का काम तेजी से किया जाए. साथ ही राहत सामग्री का वितरण भी सही ढंग से हो.

ABOUT THE AUTHOR

...view details