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पटना में टाइफाइड ने दी दस्तक, PMCH में प्रतिदिन आ रहे हैं 100 से अधिक मामले - पटना न्यूज़

बिहार के पटना में इन दिनों टाइफाइड का प्रकोप है. टाइफाइड के कई मामले सामने आ रहे हैं. प्रतिदिन पीएमसीएच में 100 से अधिक मरीज टाइफाइड का इलाज कराने पहुंच रहे हैं. इस दौरान अस्पताल प्रबंधन सभी तरह की व्यवस्थाओं पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है. कोरोना (Corona) को लेकर भी तैयारियां मुक्कमल कर ली गई हैं.

typhoid fever symptoms
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Published : Aug 30, 2021, 6:35 PM IST

पटना: राजधानी पटना में टाइफाइड (Typhoid Fever) इन दिनों काफी फैला हुआ है. पीएमसीएच (PMCH) में प्रतिदिन लगभग 100 से अधिक मामले टाइफाइड के सामने आ रहे हैं. हालांकि डेंगू (Dengue In Bihar) को लेकर पीएमसीएच में स्थिति गंभीर नहीं है. पीएमसीएच में कोरोनाको लेकर भी तैयारी पूरी कर ली गई है.

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पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी ने जानकारी दी कि पीएमसीएच में डेंगू को लेकर स्थिति अभी नियंत्रण में है. हालांकि अस्पताल में डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए वार्ड में स्पेशल बेड और इलाज की पर्याप्त व्यवस्था है. अभी के मौसम में डेंगू के मामले अधिक सामने आते हैं इसलिए अस्पताल प्रबंधन ने पहले से ही तैयारी कर ली है. फिलहाल 1-2 डेंगू के पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि अभी डेंगू के संदेह के कारण प्रतिदिन लगभग 50 से अधिक डेंगू जांच के सैंपल अस्पताल में पहुंच रहे हैं, लगभग सभी रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है.

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जानकारी के अनुसार अभी सबसे अधिक मामले टाइफाइड के ही सामने आ रहे हैं. प्रतिदिन 100 से अधिक मामले टाइफाइड पॉजिटिव मिल रहे हैं. टाइफाइड गंदे पानी के कारण होता है. अभी हाल के दिनों में गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद यह मामले बढ़े हैं. टाइफाइड को लेकर अभी के समय में विशेष घबराने की जरूरत नहीं है और टाइफाइड के लिए इलाज की काफी बेहतर व्यवस्था विकसित हो चुकी है. ऐसे में लोगों को टाइफाइड के दौरान नियमित दवा और कुछ दिनों का आराम ही पर्याप्त है.

कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अस्पताल की तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी ने कहा कि कोरोना को लेकर अस्पताल की तैयारियां पूरी है. सरकार के निर्देश पर शिशु वार्ड में 10% बेड बच्चों के लिए रिजर्व पहले से किया जा चुका है. इसके अलावा अभी भी 101 बेड का कोविड-19 वार्ड पहले की भांति जस का तस है.

अभी के समय में वार्ड में मात्र एक मरीज ही एडमिट है मगर तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए कोविड-19 वार्ड को डिसेबल्ड नहीं किया गया है. बाकी सभी अरेंजमेंट जस के तस हैं. वार्ड में रेगुलर डॉक्टर की ड्यूटी रहती है. उन्होंने कहा कि अब अस्पताल में 20000 लीटर के ऑक्सीजन के उत्पादन को लेकर ऑक्सीजन प्लांट शुरू किया चुका है. ऐसे में दूसरी लहर की तरह इस बार अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत बिल्कुल भी नहीं होगी. कोविड-19 वार्ड के सभी बेड पर पाइप लाइन के माध्यम से ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा चुकी है.

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