पटना:राजधानी के ज्ञान निकेतन विद्यालय के नौवीं कक्षा के 2 छात्रप्रत्यूष शर्मा (Pratyush Sharma Of Patna) और प्रियांशु राज (Priyanshu Raj Of Patna) ने प्रदूषण की भीषण समस्या को देखते हुए एक ऐसा मास्क बनाया है जो कई मायनों में खास है. सबसे अहम बात ये कि इस स्मार्ट फिल्टर फेस मास्क से लोगों को शुद्ध हवा मिलेगी यानी कि शुद्ध हवा में लोग सांस ले सकेंगे.
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स्मार्ट फिल्टर फेस मास्क से मिलेगी शुद्ध हवा:यह लिथियम बैटरी से चलने वाला स्मार्ट फिल्टर फेस मास्क पूरी तरह सफोकेशन फ्री है, जो डेढ़ घंटे की चार्जिंग के बाद 8 घंटे तक काम करता है. यह वातावरण से पीएम 2.5 की धूल कण को छानकर मास्क के अंदर एक तरफ से फ्रेश हवा भेजती है और फिर मुंह से छोड़े गए सांस को दूसरी तरफ से निकालती है. दोनों छात्रों के द्वारा तैयार किए गए इकोसिस्टम बेस्ड स्मार्ट फिल्टर फेस मास्क को नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस के लिए बिहार से चुने गए 30 प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है.
नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस के लिए चयनित:प्रत्यूष और प्रियांशु के बनाए गए स्मार्ट फिल्टर फेस मास्क को 27 जनवरी से 31 जनवरी के बीच गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित होने जा रहे 30वें राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में प्रदर्शनी के लिए चुना गया है. राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए बिहार से कुल 30 प्रोजेक्ट चुने गए हैं जिसमें एक प्रोजेक्ट यह भी है. दरअसल साल 1993 से केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से हर साल नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस का आयोजन किया जाता है.
कोरोना काल में आया आइडिया:नौवीं के छात्र प्रत्यूष शर्मा ने बताया कि इस स्मार्ट फिल्टर मास्क को बनाने का आइडिया तब आया जब कोरोना के समय लोग मास्क पहनते थे. काफी लोगों को इससे सांस लेने में समस्या होती थी. मुझे भी यह समस्या होती थी. मैं अस्थमा और ब्रोंकाइटिस का पेशेंट रह चुका हूं. लोगों की तकलीफों को समझते हुए मैंने ये स्पेशल मास्क तैयार किया है. प्रत्युष ने बताया कि इस मास्क को पहनने के बाद सांस लेने में किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं होती है. प्रदूषण फ्री एयर इन्हेल करने को मिलता है.
कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने की व्यवस्था: वहीं छात्र प्रियांशु राज ने बताया कि उन दोनों ने यह स्मार्ट फिल्टर फेस मास्क तैयार किया है. मास्क में लिथियम पॉलीमर बैटरी लगा हुआ है जो मास्क को रन करने में मदद करता है. एक से डेढ़ घंटे की चार्ज में यह 7 से 8 घंटे तक काम करता है. 1050 mh का बैटरी लगा हुआ है और ऊपर एक मॉड्यूलर सर्किट लगाया गया है.
नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस के लिए बिहार से चुने गए 30 प्रोजेक्ट स्मार्ट फिल्टर फेस मास्क की खासियत:इस मास्क के दोनों तरफ एक एक फैन लगाए गए हैं जिसमें एक फैन इनलेट के लिए है और दूसरा आउटलेट के लिए. मास्क के अंदर एयर साइकिल चलता रहे इसके लिए दोनों फैन लगाए गए हैं. दोनों तरफ मास्क के अंदर में फैन के पास 3 लेयर का फिल्टर लगाया गया है.
मास्क में काढ़े का भी हुआ है इस्तेमाल: पहला एक महीन जालीदार फिल्टर है जो मोटे डस्ट पार्टिकल को मास्क के अंदर प्रवेश करने से रोकता है. दूसरा फिल्टर है एक्टीवेटेड कार्बन फिल्टर. पीएम 2.5 जो हवा में जितने भी सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर होते हैं जिनका डायमीटर 2.5 नैनोमीटर या उससे अधिक होता है उसे अंदर आने से रोकते हैं. तीसरा फिल्टर है होममेड नीम एक्सट्रैक्ट फिल्टर जिसे घर में नीम के काढ़े में उबालकर तैयार किया गया है, जो जर्म्स और बैक्टीरिया को मास्क के अंदर आने से रोकते हैं.
नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस के लिए बिहार से चुने गए 30 प्रोजेक्ट 1 महीने में बदलना होगा फिल्टर: छात्र प्रत्यूष शर्मा ने बताया कि इसके फील्टर को लगभग 1 महीने पर बदलने की आवश्यकता होती है. वहीं इस मास्क को स्टेरलाइज करने के लिए uv-ray स्टेरलाइजर में कुछ समय के लिए डालकर निकाला जा सकता है या फिर इसके अंदर सैनिटाइजर का स्प्रे करके कुछ समय धूप में सुखाया जा सकता है.
एक मास्क की कीमत 685 रुपये: प्रत्यूष ने बताया कि इस पूरे मास्क को बनाने में उन दोनों को 2 दिन का समय लगा है. इसके लिए मात्र ₹685 की लागत आई है. इस तकनीक को पेटेंट कराने के लिए वह आवेदन करेंगे और यह जब पेटेंट हो जाएगा तो आने वाले समय में जब इसका मास प्रोडक्शन होने लगेगा तो इसकी लागत भी काफी कम हो जाएगी.
सफोकेशन फ्री मास्क :छात्र प्रियांशु राज ने बताया कि यह अभी प्रोटोटाइप स्मार्ट फिल्टर फेस मास्क है. जब इसे राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में ले जाएंगे तो वहां सनबोर्ड पर तैयार करके ले जाएंगे. जिसमें नाक के पास मास्क को एडजस्ट करने के लिए नोज पिन (पतला तार) लगा रहेगा. अंदर से यह और बड़ा होगा और दिखने में आकर्षक और सुंदर लगेगा. यह पूरी तरह से सफोकेशन फ्री मास्क होगा.
लिथियम बैटरी से चलने वाला स्मार्ट फिल्टर फेस मास्क 'सांस लेने में नहीं होगी परेशानी':अभी के समय में पटना में जिस प्रकार से प्रदूषण बढ़ा हुआ है और प्रदूषण से लोगों को समस्या भी होती है लेकिन लोग मास्क पहनना नहीं चाहते क्योंकि सफोकेशन होता है. ऐसे में लोग प्रदूषण से बचे और फ्रेश एयर इन्हेल करें इस विचार को लेकर उन दोनों ने यह मास्क तैयार की है. इस मास्क को लगाने के बाद चेहरे पर मास्क के अंदर पसीना नहीं आएगा और लोगों को सांस लेने में आराम महसूस होगा.
बिहार के नन्हें वैज्ञानिक दिखाएंगे कमाल: बिहार से इस बार 14 जिलों से 30 प्रोजेक्ट चयनित किए गए हैं जिसमें पटना और सारण जिला से 5-5 प्रोजेक्ट हैं. बेगूसराय से चार प्रोजेक्ट हैं. इस 30 प्रोजेक्ट में 17 प्रोजेक्ट लड़कियों के हैं जबकि 13 प्रोजेक्ट लड़कों के हैं, जिससे पता चलता है कि प्रदेश की छात्राओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण बढ़ रहा है. जानिए कि प्रदेश के किस जिला के कौन-कौन से छात्रों के प्रोजेक्ट राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए चुने गए हैं. पटना से हर्ष कुमार, प्रत्यूष शर्मा, प्राची, शिवम दुर्गेश और प्रणव सुमन के प्रोजेक्ट को चुना गया है. वहीं सारण से अंश प्रताप सिंह, तनुश्री, आयुषी कुमारी, प्रत्यक्ष सिंह और श्वेता दीक्षित, बेगूसराय से नीतू सिन्हा, दीपा कुमारी, मीरानी वात्सल्य और रौशन शर्मा, पश्चिमी चंपारण से होजेफा शकील और आदर्श कुमार मिश्रा के प्रोजेक्ट को चयनित किया गया है.
स्मार्ट फिल्टर फेस मास्क से मिलेगी शुद्ध हवा वहीं रोहतास के नीमा कुमारी और गुंजन गुप्ता, मुजफ्फरपुर के पुष्कल राज और कुमारी सलोनी, पूर्णिया के अक्षय कुमार और राज रागिनी कुमारी,भागलपुर के आदित्य सिंह चौहान और नियति कुमारी, बांका के निधि घोष, जहानाबाद के अपराजिता नारायण, सीतामढ़ी के आदिल नौशाद खान, सुपौल की दीपिका कुमारी और कैमूर के अखिल प्रकाश के प्रोजेक्ट का चयन हुआ है.