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रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी का बेटा बन गया अंतरराष्ट्रीय ड्रग पैडलर, बिहार पुलिस ने दबोचा

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Published : Dec 5, 2021, 6:40 PM IST

रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी का बेटा अंतरराष्ट्रीय ड्रग पैडलर (International Drug Paddler) बन बैठा. नेपाल के रास्ते दिल्ली तक चरस की सप्लाई करते थे. पुलिस की पूछताछ में बहुत कुछ साफ हो चुका है. अब पुलिस गिरफ्तार तस्करों के नेक्सस को खंगालने में जुटी है.

रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी का बेटा बन गया अंतरराष्ट्रीय ड्रग पैडलर
रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी का बेटा बन गया अंतरराष्ट्रीय ड्रग पैडलर

पटना: बिहार की राजधानी पटना में रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी का बेटा अंतरराष्ट्रीय ड्रग पैडलर (International Drug Paddler) बन गया. पटना पुलिस ने आरोपी तस्कर को दबोच लिया है. दरअसल, शनिवार को सरकारी बस स्टैंड से दिल्ली के लिए चरस की खेप (Consignment Of Charas In Bihar) ले जा रहे रवि शर्मा को पुलिस ने पकड़ा था. पूछताछ में उसने आशिफ नाम के शख्स की जानकारी दी. पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने शास्त्री नगर थाना क्षेत्र के राजा बाजार इलाके का पता बताया. पुलिस ने आशिफ को गिरफ्तार कर लिया.

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पुलिस ने ड्रग पैडलर आशिफ से भी पूछताछ शुरू की. पुलिस ने पूछा कि उसको ड्रग कहां से और कैसे मिलती है. तो उसनी पूरी कहानी सुना दी. आशिफ ने बताया कि नेपाल के जरिए उसके पास चरस पहुंचती है. जिसे रखने के एवज में उसे 20 हजार रुपए दिए जाते थे. आशिफ के पिता गोरखपुर एयरफोर्स के रिटायर्ड सार्जेंट मो. इकबाल हैं. फिलहाल वो कपड़े के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं.

देखें रिपोर्ट.

'हमको एक ट्रिप माल रखने का 20 हजार रुपए मिलता था. मैं दो बार चरस की खेप रख चुका हूं. मेरी पास ड्रक तस्कर चरस लाकर रखते थे. फिर सही समय देखकर रवि उसे दिल्ली पहुंचाता था'- आशिफ, पकड़ा गया तस्कर

बता दें कि शनिवार शाम साढ़े छह बजे पटना पुलिस ने दो ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया था. इनके पास से पौने तीन किलो चरस (2.75 kg Charas recovered from Drug Paddlers) बरमाद हुई थी. मिली जानकारी के मुताबिक बरामद की गई चरस की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों रुपए की है. पूछताछ में दोनों तस्करों ने बताया कि वो तीन बार चरस की खेप पहुंचा चुके हैं. नेपाल से संदेश शर्मा उर्फ मोगली महाराज उसे आकर पहुंचा जाया करता था. तब तक चरस की खेप को आशिफ अपने पास ही रखता था.

गांधी मैदान से पकड़ा गया पहला तस्कर रवि शर्मा सही समय देखकर खेप लेकर दिल्ली रवाना हो जाता था. इस पूरी प्रक्रिया में आशिफ को 20 हजार की मोटी रकम चुकाई जाती थी. दिल्ली पहुंचाने के एवज में रवि शर्मा को भी मोटी रकम दी जाती थी. पुलिस अब पकड़े गए तस्करों के आधार पर सरगना तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. बड़ा सवाल इस बात का है कि आखिर बॉर्डर पार नेपाल से चरस की बड़ी पटना कैसे पहुंचाई जाती है. पुलिस इन तमाम मुद्दों पर पूछताछ कर रही है.

पटना पुलिस अब गिरफ्तार तस्करों के नेक्सस को खंगालने में जुटी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि और भी कई बड़े मादक पदार्थों के तस्कर इसमें बेनकाब हो सकते हैं. फिलहाल गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ के बाद पुलिस इन दोनों ड्रग्स पैडलर्स को न्यायिक हिरासत में भेजने की कवायद में जुटी हुई है.

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