पटना:राजधानी के होटल मौर्य में कचरा प्रबंधन नियम 2016 पर दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी रहे. कार्यक्रम की शुरुआत में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को 2 मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई. 3 दिन के राजकीय शोक होने के कारण कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन और बुके से अतिथियों को सम्मानित नहीं किया गया.
कचरा प्रबंधन पर दो दिवसीय कार्यशाला सरकार ने जगह-जगह रखा डस्टबिनकार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी. जिसे लोगों ने जन अभियान के तहत आचरण में उतारा है. अब लोगों में साफ-सफाई के प्रति जागरुकता बढ़ती दिख रही है. सुशील मोदी ने कहा कि हमें कचरे को डस्टबिन में डालने की आदत डालनी चाहिए. इसलिए सरकार जगह-जगह पर गीले और सूखे कचरों के लिए अलग-अलग डस्टबिन लगाई है. साथ ही उन्होंने अपील की है कि अगर कोई कुछ खाता-पीता है तो उसका रैपर पॉकेट में रख ले और जहां डस्टबिन दिखे वहां उसे डाले. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने किया कार्यक्रम को संबोधित वन टाइम यूज प्लास्टिक बैनउन्होंने कहा कि वन टाइम यूज प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से लोगों से अपील की थी. 2 अक्टूबर से सरकार वन टाइम यूज प्लास्टिक को बैन करने जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में पहले से ही 50 माइक्रोन से ज्यादा के पॉलीथिन बैन है. पॉलीथिन के छापेमारी में बहुत सारे प्लास्टिक जब्त किए गए हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में प्लास्टिक बैन है पर दूसरे राज्यों में बैन ना होने की वजह से प्लास्टिक यहां तक पहुंच रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को श्रद्धांजलि 6 प्रकार के अलग-अलग कचरेबिहार प्रदूषण बोर्ड के चेयरमैन ए.के. घोष ने बताया कि सभी वेस्ट का नेचर अलग-अलग होता है. उनके निष्पादन के तरीके भी अलग-अलग होते है. 6 विभिन्न प्रकार के कचरे होते हैं. जब तक इसका अलग-अलग सेग्रिगेट नहीं किया जाएगा. तब तक निष्पादन नहीं हो पाएगा. साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि उसी प्रकार की चीजों का प्रयोग करें. जिसे हम दोबारा रिसाइकल कर उपयोग में ला सकें. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रकार के कचरों के बारे में लोगों को जानकारी देना था. साथ ही उनके निष्पादन के तरीकों को और कितने प्रकार के वेस्ट होते हैं बताना था. ए.के. घोष, प्रदूषण बोर्ड के चेयरमैन, बिहार