पटना: उप डाकघर में किये गये एक करोड़ केघोटाले पर कार्रवाई लगातार हो रही है. दरअसल डाकपाल और सहायक डाकपाल इन दोनों पर 2017 से 19 के बीच करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप लगा है. माना जा रहा है कि डाकपाल की मिलीभगत से पैसे की निकासी की गई है. हालांकि इस मामले की जांच अभी चल रही है. फिलहाल दोनों आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है. और विभाग की ओर से मामले की सीबीआई जांच की मांग की जा रही है.
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बढ़ रहा जांच का दायरा
घोटाले की सीबीआई जांच की मांग इस मामले में दोनों कर्मचारी को निलंबित किया जा चुका है और चार्जशीट भी दाखिल की गई है. माना जा रहा है कि डाकपाल की मिलीभगत से पैसे की निकासी की गई है. इस मामले में संलिप्त 1 दर्जन से अधिक कर्मचारियों पर कर्रवाई की तैयारी चल रही है.
करोड़ों रुपये का डाकघर घोटाला
दरअसल पटना डिवीजन के तहत आने वाले 1 दर्जन डाकघरों के पोस्ट मास्टर और अन्य कर्मचारियों से पैसे की रिकवरी के लिए विभाग ने पत्र भी जारी किया था. और इन डाकघरों में 10,000 से लेकर लाखों रुपए की निकासी की गई थी. कई कर्मचारियों ने विभाग में पैसे जमा करवा दिए हैं. सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में कुछ पोस्ट मास्टर और कर्मचारी डाक विभाग के कर्मचारी संगठन के बड़े पद पर बैठे हैं. और इन लोगों ने ही मिलकर 2017 से 2019 के बीच करोड़ों के इस घोटाले को अंजाम दिया है.
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क्या कहा चीफ पोस्ट मास्टर ने
डाक विभाग के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार इस मामले में मीडिया से बातचीत करने से परहेज कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने ईटीवी भारत से टेलिफोनिक बातचीत के दौरान बताया कि शास्त्री नगर उप डाकघर घोटाले में डाकपाल वसुधा सिन्हा और सहायक डाकपाल सुजीत कुमार पर बंद खाते को खोलकर लगभग एक करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगा है. जिसके बाद उन दोनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. अब तक इस घोटाले में संलिप्त दो कर्मचारी को निलंबित किया गया है.
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सीबीआई जांच की मांग
अनुमान लगाया जा रहा है कि सीबीआई जब इस मामले की छानबीन करेगी तो और भी मामलों का खुलासा हो सकता है. फिलहाल इस मामले में सीबीआई ने जांच अब तक शुरू नहीं की है. फिलहाल डाक विभाग ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
खाताधारकों के अकाउंट से गटक लिये पैसे
दरअसल डाकघरों में फिक्स डिपोजिट और मंथली इनकम स्कीम से जुड़े ऐसे खाताधारकों को डाकघर के कर्मचारियों ने अपना निशाना बनाया जिनकेे खातों से सालों से किसी तरह के ट्रांसजेक्शन नहीं हुए थे. मिली जानकारी के अनुसार इन सभी के खातों से निकासी मैनुअल तरीके से की गई है. फिलहाल इस पूरे मामले पर तेजी से कार्रवाई हो रही है. लेकिन जिस तरह से डाक घर ने लोगों के भरोसे को तोड़ा है उसे जोड़ पाने में वक्त लगेगा.
लोगों का भरोसा डगमगाया
पोस्ट ऑफिस में अपनी मेहनत की जमा पूंजी रखने से लोग हिचकिचाते नहीं क्योंकि उन्हें भरोसा रहता है कि डाक घर उनकी उम्मीदों को कभी टूटने नहीं देगा. लेकिन इस घोटाले के बाद अब लोगों को डाक घर में पैसे रखने से पहले दस बार सोचने को मजबूर कर दिया है.
मामले में कुल 142 खातों की जांच की गई है. इन खातों से 1,42,74,734 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी की गई है. मामले में डाकपाल वसुधा सिन्हा और सहायक डाकपाल सुजीत कुमार को विभाग की ओर से निलंबित भी किया जा चुका है. और आगे की कार्रवाई की जा रही है.