पटना:लॉकडाउन के दौरान बिहार से बाहर रहे मजदूरों के वापस आने का सिलसिला जारी है. लगातार ट्रेनें प्रवासियों को बिहार लेकर लौट रही है. 7 मई यानी गुरुवार को 24 ट्रेनें बिहार आएंगी. जिसमें करीब 28,467 लोग मौजूद होंगे. सरकार ने इसको लेकर पूरी तैयारी भी कर ली है.
इससे पहले, मंगलवार को 10 ट्रेन प्रवासियों को लेकर बिहार पहुंची. वहीं, बुधवार को 13 ट्रेनें बिहार आईं. जिसमें गुजरात से 4 ट्रेन, महाराष्ट्र से 3, राजस्थान से 4 और तेलंगाना से एक ट्रेन बिहारियों को लेकर लौटी.
बिहार नहीं आ पाएंगे कर्नाटक से बिहारी मजदूर
कर्नाटक के बेंगलुरु से बुधवार को बिहार के दानापुर तीन श्रमिक स्पेशल ट्रेन आने वाली थी. लेकिन तीनों ट्रेन कर्नाटक से बिहार के लिए रवाना नहीं हुई. सुबह 9 बजे, 12 बजे और दोपहर तीन बजे यह ट्रेनें दानापुर के लिए खुलने वाली थीं. ट्रेन नहीं खुलने से बिहारी मजदूरों में काफी नाराजगी दिखी. वहीं, लॉकडाउन में बिहारी मजदूर कई दिनों से कर्नाटक में फंसे हैं. वह हर हाल में अपने घर जाना चाहते थे.
कैमूर में फंसे हुए हैं पंजाब के कई मजदूर
बिहार में स्पेशल ट्रेन के माध्यम से प्रवासियों के वापस आने का सिलसिला शुरू हो चुका है. लेकिन बिहार में फंसे अन्य राज्य के प्रवासी के वापस जाने को लेकर कोई राह नजर नहीं आ रहा है. दरअसल, जिले के नुंआव प्रखंड में पंजाब के 60 हार्वेस्टर चालक और सहचालक लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं.
Lockdown 3.0 में आज से खुलेंगी ये दुकानें
बिहार में राज्य सरकार ने लोगों को बड़ी राहत देते हुए कुछ दुकानों को खोलने की इजाजत दी है. इनमें इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर और निर्माण कार्य से जुड़ी सामाग्री वाली दुकानें शामिल हैं. दुकानों को खोलने के संबंधित आदेश बुधवार को गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने जारी कर दिया. गृह विभाग ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि दुकानें खुलने से भीड़भाड़ न हो.
लॉकडाउन में फंसे दो यूरोपियन टूरिस्ट
कोरोना संक्रमण के दौर में बिहार में दो यूरोपियन टूरिस्ट फंसे हुए हैं. एक अमेरिका के निवासी स्टीफन क्रेमर है, जिनकी उम्र 65 वर्ष है, तो दूसरे यूक्रेन के रहने वाले डिमायट्रो सनिडा है. जिनकी उम्र 25 वर्ष है. यह दोनों भारत घूमने आए हुए थे. मगर अभी वह अपने देश जाने के बजाय बिहार में ही रहना पसंद कर रहे हैं.
लॉकडाउन के कारण बाढ़ से बचाव की 122 योजनाएं अधर में
बिहार में लॉक डाउन के कारण कई विकास योजनाएं बंद पड़ी हुई है. बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य की योजना भी बंदी के कारण अधर में लटकी हुई है. जल संसाधन विभाग के अनुसार 704 करोड़ की 122 से अधिक योजनाएं मंजूर की गई थी. इन सभी योजनाओं को 15 मई तक पूरा करना था. लेकिन लॉकडाउन के कारण कार्य ठप है.