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स्किन रोग विशेषज्ञ अमरकांत झा का निधन, दी गई PMCH में श्रद्धांजलि

पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक और स्किन रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमरकांत झा अमर के निधन पर पीएमसीएच में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इसमें पीएमसीएच के कई वर्तमान और भूत पूर्व चिकित्सकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. साथ ही सभी ने डॉक्टरों ने उनके स्किन चिकित्सा के क्षेत्र में दिए गए योगदान का उल्लेख किया.

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Published : Mar 25, 2021, 9:08 AM IST

tribute to famous skin specialist Dr. Amarkant Jha in PMCH
tribute to famous skin specialist Dr. Amarkant Jha in PMCH

पटना:सोमवार को पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक रहे मशहूर स्किन रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमरकांत झा अमर का निधन हो गया. डॉक्टर अमरकांत झा बिहार आईएमए के प्रेसिडेंट थे और उनके निधन से पूरा चिकित्सा जगत मर्माहत है. वहीं, पीएमसीएच के राजेंद्र सर्जिकल वार्ड के ऑडिटोरियम में उनके लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया.

इस श्रद्धांजलि सभा में पीएमसीएच के कई वर्तमान और भूत पूर्व चिकित्सक शामिल हुए. इस मौके पर डॉ. अमरकांत झा अमर की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की गई. साथ ही सभी ने डॉक्टरों ने उनके स्किन चिकित्सा के क्षेत्र में दिए गए योगदान का उल्लेख किया.

चिकित्सा जगत के लिए अपूर्णीय क्षति

पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक और पूर्व आईएमए के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ. विमल कारक ने श्रद्धांजलि सभा के बाद कहा कि डॉ. अमरकांत झा अमर का निधन प्रदेश के चिकित्सा जगत के लिए एक अपूर्णीय क्षति है. उन्होंने कहा कि इसी साल 23 जनवरी को उन्होंने देवघर में डॉक्टर अमरकांत झा अमर को आईएमए का स्टेट प्रेसिडेंट का चार्ज सौंपा था. इस साल 27 से 29 दिसंबर तक होने वाले आईएमए के नेशनल कॉन्फ्रेंस में 5 डॉक्टरों की टीम में अमरकांत झा भी शामिल थे. इस कॉन्फ्रेंस में उनका अहम रोल था. वो इस कॉन्फ्रेंस के सफल आयोजन के लिए लगातार काम कर रहे थे.

बेहद सहज और हंसमुख स्वभाव

इसके अलावा डॉ. विमल कारक ने कहा कि डॉ. अमरकांत झा का निधन उनके लिए एक अपूर्णीय क्षति है. उनका डॉ. अमरकांत झा से 49 वर्षों से संबंध रहा है. मिथिलांचल में ऐसी कोई बड़ी शख्सियत नहीं जों अमरकांत झा को पर्सनली ना जानते हो. डॉ. अमरकांत झा बेहद सहज और हंसमुख स्वभाव के व्यक्ति थे और मीडिया से भी उनका काफी जुड़ाव था.

गिनीज बुक में नाम दर्ज

बता दें कि डॉ. अमरकांत झा ने गिनीज बुक में भी अपना नाम दर्ज कराया था. वहीं, प्रदेश में स्किन डिजीज कंट्रोल करने की दिशा में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. डॉक्टर ने चर्म रोग विशेषज्ञ चलें गांव की ओर एक कैंपेन चलाया था और इस कैंपेन के माध्यम से वो गांव में स्किन डिजीज के बारे में लोगों को जागरूक किया था.

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