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बिहार में बढ़ा ओवम और सीमन को प्रिजर्व कराने का ट्रेंड, ऐसे बनते हैं माता-पिता - etv bharat

शिशु का जन्म किसी भी पैरेंट के लिए एक वरदान की तरह होता है. ऐसे में महिलाओं और पुरूषों में ओवम और सीमन को प्रिजर्व कराने का ट्रेंड बढ़ता ही जा रहा है. अब महिलाएं और पुरूष अपनी इच्छा के अनुसार कभी भी माता पिता बनने का सुख पा सकते हैं. पढ़ें ये रिपोर्ट..

आईवीएफ तकनीक
आईवीएफ तकनीक

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Published : Mar 2, 2022, 11:06 PM IST

पटना: अगर पति सालों से विदेश में रह रहा है, तब भी पत्नी बच्चे पैदा कर सकती हैं. ये सब आईवीएफ तकनीक (IVF Technique) से मुमकिन हो पाया है. बिहार के काफी संख्या में ऐसे युवक हैं जो 3-4 सालों से विदेश में है और अपना सीमन प्रिजर्व करा कर चले गए हैं. ऐसे युवकों की पत्नियां आईवीएफ तकनीक के माध्यम से समय-समय पर अपने पार्टनर के सीमन से प्रेग्नेंट हो रही हैं और बच्चे पैदा कर रही हैं. इतना ही नहीं अब प्रदेश की महिलाओं में भी अपने फर्टिलाइल ओवम को प्रिजर्व कराने का ट्रेंड बढ़ गया है. ताकि, आगे चलकर जब शरीर की फर्टिलिटी कम हो जाए तो उस फर्टाइल ओवम को उपयोग कर गर्भधारण कर सकें.

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सीमन को प्रिजर्व कराने का बढ़ा ट्रेंड: पटना के राजा बाजार स्थित एक आईवीएफ सेंटर के प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर दयानिधि कुमार ने बताया कि प्रदेश में पुरुषों में अपने सीमन को प्रिजर्व कराने का ट्रेंड बढ़ा है. इसके साथ ही महिलाओं में भी अपने ओवम को प्रिजर्व कराने का ट्रेंड बढ़ गया है. महिलाओं का जहां एक बार में तीन ओवम/अंडाणु रिजर्व किया जाता है और इसके लिए ₹7500 सालाना चार्ज किया जाता है. वहीं, पुरुषों के स्पर्म प्रिजर्वेशन का चार्ज ₹5000 सालाना है.

डॉक्टर भी दे रहे प्रिजर्व करने की सलाह: डॉक्टर दयानिधि कुमार ने बताया कि जो यंग एज के कैंसर पेशेंट होते हैं. उन्हें कीमोथेरेपी के पहले डॉक्टर एडवाइस देते हैं कि अपने सीमन को प्रिजर्व करा लें. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि कीमोथेरेपी के बाद स्पर्म की फर्टिलिटी कम हो जाती है और पुरुष का सीमेन कई बार बच्चा पैदा करने लायक नहीं रहता है. इसके अलावा ऐसे लोग जो सेना में हैं या जो पुरुष अभी यंग एज में हैं और 35 से 40 की उम्र में बाप बनना चाहते हैं वह भी अपना सीमन प्रिजर्व करा रहे हैं, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई बार पुरुषों में फर्टिलिटी घट जाती है.

उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो विदेशों में रहते हैं और तीन-चार साल में एक बार घर आना होता है वह लोग भी अपने सीमन को प्रिजर्व करा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार जब विदेशों में रहने वाले लोग कई साल बाद घर आते हैं तो कई मामलों में ऐसा होता है कि उनकी पत्नी अस्वस्थ होती हैं और बच्चे पैदा करने की हालत में नहीं होती है. ऐसे में यह लोग अपना सीमन प्रिजर्व करा लेते हैं और जब उनकी पार्टनर स्वस्थ हो जाती हैं तो विदेश में रहने वाले व्यक्ति से फोन कर बातचीत करने के बाद ही उनके पार्टनर में सीमन को यूज किया जाता है.

फर्टिलाइजेशन के दौरान होता है उपयोग: महिलाओं के अंडे का जिस दिन फर्टिलाइजेशन करना होता है, उस दिन उनके पार्टनर से कंसेंट लिया जाता है और उनके पार्टनर के सीमन को यूज किया जाता है. यही वजह है कि कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि पति एक बार स्पर्म प्रिजर्व करा कर विदेश चले गए हैं और तीन-चार साल हो गए लौटे नहीं है, लेकिन उनकी पत्नी उनके सीमेन से प्रेग्नेंट होकर अपने पति का ही बच्चा पैदा करती है.

ओवम को प्रिजर्व कराने का बढ़ा ट्रेंड:डॉक्टर दयानिधि कुमार ने बताया कि महिलाओं में भी अपने अंडाणुओं को प्रिजर्व कराने का ट्रेंड (Trend of Preserving Ovum) इन दिनों बढ़ गया है और खासकर जो आईटी सेक्टर में काम करने वाली महिलाएं हैं. पुलिस फोर्स में काम करने वाली महिलाएं हैं. महिलाओं को पता होता है कि यंग एज में इनकी फर्टिलिटी अच्छी है और आगे चलकर इनकी फर्टिलिटी कम हो जाएगी. कैरियर ग्रोथ के लिए यह महिलाएं अभी के समय मां बनना नहीं चाहती हैं और चाहती हैं कि आफ्टर 40 मां बने. ऐसी स्थिति में महिलाएं अपने अंडाणुओं/ओवम को प्रिजर्व कराती हैं. महिलाओं का एक बार में तीन अंडाणु प्रिजर्व किया जाता है और इसके लिए ₹7500 चार्ज है.

अधिक उम्र में माता-पिता बनने का सुख: कई महिलाएं ऐसी भी हैं जो अपने कई 3-3 के पेयर में 4 से 5 अंडाणु प्रिजर्व करा कर रखी हुई हैं. प्रदेश भर में उनके सेंटर पर अब तक 20,000 से अधिक पुरुष और महिला अपने सीमन और ओवम को प्रिजर्व करा चुके हैं. ऐसे लोगों की तादाद दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और लोगों को अब भरोसा हो गया है कि विज्ञान के माध्यम से अधिक उम्र में भी मां बाप बनने का सुख प्राप्त कर सकते हैं.

बांझपन अब कोई लाइलाज बीमारी नहीं रह गई है, बल्कि इसका वैज्ञानिक निदान संभव है. यह लोगों को अच्छी तरह से पता है. लोग अब इस स्थिति को समझ रहे हैं कि आगे चलकर जब वह मां-बाप बनना चाहते हैं, उस समय हो सकता है कि तनाव की वजह से और बदलती जीवन शैली में अन्य कारणों की वजह से उनकी फर्टिलिटी कम हो सकती है. ऐसे में अपने स्पर्म और ओवम की फर्टिलिटी को बचाए रखने के लिए इसे प्रिजर्व करा रहे हैं.

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