पटना:राजधानी पटना में विश्व धरोहर दिवस (World Heritage Day) के मौके पर आपदा के समय धरोहर को बचाये जाने की 5 दिवसीय ट्रेनिंग की शुरुआत सोमवार को हुई. जो राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट के द्वारा संयुक्त रूप से की गयी. जिसका विषय प्रिजर्वेशन एंड कंजर्वेशन ऑफ कल्चरल हेरिटेज साइट्स फ्रॉम डिजास्टर (Preservation and Conservation of Cultural Heritage) था. ये ट्रेनिंग कार्यक्रम सोमवार से शुरू होकर 22 अप्रैल तक चलेगा.
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भूकंप के हाई सेंसिटिव जोन में बिहार: बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Bihar State Disaster Management Authority) के उपाध्यक्ष डॉ. उदय कांत मिश्रा ने कहा कि समाज को आगे ले जाने के लिए सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की बहुत आवश्यकता होती है. नेपाल में 2015 में आए भूकंप से वहां के 50% से अधिक धरोहर नष्ट हो गयी थी. बिहार भी भूकंप के हाई सेंसिटिव जोन में आता है. बिहार में लगभग 400 धरोहरों में 78% धर्म से जुड़ी हुई हैं. इसका संरक्षण बहुत जरूरी है. बिहार देश के तीन प्रमुख राज्यों में शामिल है. जहां सबसे अधिक सांस्कृतिक धरोहर हैं. ऐसे में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के समय धरोहरों का किस प्रकार संरक्षण किया जाए. इसका प्रशिक्षण अगले 5 दिनों तक प्रतिभागियों को दिया जाएगा.
नेशनल हेरिटेज में गया और राजगीर: उन्होंने बताया कि नेशनल हेरिटेज के लिस्ट में गया और राजगीर के इलाके आते हैं, लेकिन वैशाली और कई अन्य जगहों पर हेरिटेज साइट है. जिसे स्टेट लेवल पर वह हेरिटेज में शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं. हर साल आने वाली बाढ़ की वजह से हेरिटेज को काफी नुकसान होता है. ऐसे में इसका किस प्रकार संरक्षण किया जा सकता है. इसे ट्रेनिंग में बताया जाएगा. उन्होंने कहा कि भवन निर्माण के पांच मानस होते हैं और इन पांच मानस को अपनाकर अपने धरोहरों को बचा सकते हैं.