पटना:सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार गंगा और गंडकी नदी के संगम पर हर साल लगने वाले विश्व प्रसिद्ध हरिहरनाथ मेला सोनपुर पर इस बार भी ग्रहण लग गया है. सरकार ने इस बार भी सोनपुर मेले (Sonepur Fair) के आयोजन पर रोक लगा दी है. कोरोना के कारण पिछले दो साल से सदियों पुराने मेले के आयोजन पर प्रतिबंध (Ban on Sonepur Fair) है.
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एशिया के सबसे बड़े इस पशु मेले का आयोजन को लेकर बिहार के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार ने सोनपुर मेला आयोजित करने की अनुमति नहीं दी है. कोरोना का खतरा अभी भी बरकरार है. इस वजह से इस साल भी इस ऐतिहासिक मेला का आयोजन नहीं कराने का निर्णय किया गया है.
"मेला में लोगों के द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के प्रयोग में लापरवाही बरतने की आशंका है. जिसकी वजह से संक्रमण एक बार फिर फैल सकता है. इसलिए एहतियात के तौर पर लगातार दूसरे साल सोनपुर मेला का आयोजन स्थगित किया गया है."-नारायण प्रसाद, पर्यटन मंत्री
बात दें कि इस साल मेले के लगने की लोगों को उम्मीद थी और दो साल से लोग इसका इंतजार भी कर रहे थे. अब जब की लगभग सभी चीजें खोल दी गईं हैं. पर्व त्योहार का भी आयोजन हो रहा है. ऐसे मेले पर लगाया गया प्रतिबंध लोगों को मायूस कर रहा है. लोगों में इसे लेकर काफी गुस्सा भी है. विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला से प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किया है.
गौरतलब है कि विश्व प्रसिद्ध हरिहर नाथ बाबा मेला सोनपुर में गंगा और गंडकी नदी के संगम पर हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान से शुरू होता है और लगभग एक महीने तक चलता है. इसमें बड़ी संख्या में देसी विदेशी पर्यटक भी पहुंचते थे. श्रद्धालु बड़ी संख्या में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान कर बाबा हरिहर नाथ का जलाभिषेक करते थे. उसके बाद पूरे मेले का परिभ्रमण किया जाता था. लेकिन इस बार कोविड-19 के संक्रमण के कारण इस मेले का आयोजन जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया.
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