बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है. शनिवार को जारी हुई इस लिस्ट में पार्टी के 30 नेताओं के नाम हैं. इन नामों में सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका के साथ मनमोहन सिंह का भी नाम है. इस लिस्ट में सोनिया का नाम थोड़ा चौंकाने वाला है क्योंकि वे कुछ दिन पहले ही इलाज के लिए विदेश गईं थी. इसके अलावा इस लिस्ट में मीराकुमार, शत्रुघ्न सिन्हा का भी नाम है.
चिराग की 'गुगली' में उलझे राजनीति के 'पुरोधा', शतरंज के घोड़े की तरह है 'चाल'
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर शंखनाद हो चुका है राजनीतिक दल चुनावी चौसर पर दांव भी चल रहे हैं. लोक जनशक्ति पार्टी की राजनीति ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की राजनीति को उलझा दिया है. चिराग, भाजपा और वीआईपी को लेकर तो नरम है, पर जदयू और हम को लेकर गरम हैं.
दागियों से परहेज नहीं, फिर क्यों तेजस्वी ने मांगी थी लोगों से माफी?
चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां बाहुबली और आपराधिक छवि जैसे नेताओं को अपने साथ रखने में परहेज करते हों. लेकिन बात जब चुनाव की आती है तो यही राजनीतिक पार्टियां जीत के लिए इन मानकों को तोड़ने में कोई गुरेज नहीं करती. इस बार के विधानसभा चुनाव में भी जीत के आंकड़े को छूने के लिए लगभग सभी दलों ने दिल खोलकर दागी नेताओं पर अपना प्यार लुटाया है.
पूर्व मंत्री मनोज कुशवाहा ने वापस किया JDU का सिंंबल तो दूसरे मनोज को मिला मौका
एक तरफ मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर विधानसभा सीट से मनोज कुशवाहा ने आज जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को सिंबल वापस कर दिया, तो वहीं दूसरी तरफ सीएम नीतीश कुमार ने दूसरे मनोज कुमार पर भरोसा करते हुए उन्हें पार्टी का सिंबल थमा दिया है. दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने सीएम आवास पर पार्टी कार्यकर्ता मनोज कुमार को बुलाकर सिंबल दे दिया है. सिंबल लेकर बाहर निकले मनोज कुमार ने कहा कि यह चुनौती बड़ी है, लेकिन कार्यकर्ता और मुख्यमंत्री के काम की बदौलत हम इस चुनौती को पार कर लेंगे.
परसा के पूर्व विधायक छोटेलाल राय को मिला RJD का टिकट
परसा के पूर्व जेडीयू विधायक छोटेलाल राय आरजेडी में शामिल हो गए हैं. पूर्व विधायक ने पार्टी का सिंबल लेते ही अपने फेसबुक अकाउंट पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ फोटो शेयर की. साथ ही उन्होंने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजप्रताप यादव, तेजस्वी यादव समेत पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं का आभार जताया.
हर साल चुनावी मुद्दा बनती है रोसड़ा को जिला बनाने की मांग, पूरा करने में दिग्गज भी हुए फेल
रोसड़ा को समस्तीपुर से अलग करके जिला बनाने की मांग करीब बीते 20-25 सालों से हर चुनाव में गुंजता रहा है. एक बार फिर चुनावी शोर के बीच सियासी दलों ने इस मुद्दे को हवा देना शुरू किया है. दरअसल 4 लाख 86 हजार 959 आबादी वाले इस विधानसभा को बिहार की सियासत से जुड़े सभी दिग्गजों ने चुनावी वादा जरूर किया, लेकिन चुनाव खत्म होते ही वादा भी भुला दिया जाता है.