पटना: राज्य में तकरीबन 2.5 लाख पदों के लिए पंचायत चुनाव की तैयारी तेज हो गई है. पिछले दिनों राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सभी जिलों को कई तरह के निर्देश भी जारी किए गए हैं. पंचायती राज विभाग द्वारा पंचायत चुनाव ईवीएम के जरिए कराने के लिए भी अनुमति दे दी गई है. इसके लिए तकरीबन 120 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी. राज निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार राज्य भर में मतदान केंद्रों के भौतिक सत्यापन कर सूची जमा करने का आज अंतिम दिन है.
योगेंद्र राम, सचिव, बिहार निर्वाचन आयोग लिए गए हैं कई तरह के निर्णय
बिहार निर्वाचन आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने बताया कि मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन कर सूची तैयार करने की जिम्मेवारी राज्य के प्रखंड विकास पदाधिकारी की है. प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा यह सूची जिला मुख्यालय को और जिला मुख्यालय द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपी जाएगी. गौरतलब है इस बार के पंचायत चुनाव में मतदान केंद्रों को लेकर कई तरह के नए निर्णय लिए गए हैं जिनमें कोविड-19 का पालन सख्ती से लागू हो सके.
ये भी पढ़ें- बिहार में अपराधी बेखौफ, कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट: BJP प्रवक्ता
मतदान केंद्र को लेकर दिया गया है निर्देश
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश दिया गया है कि पिछले पंचायत चुनाव के समय जो मतदान केंद्र बनाए गए थे उन स्थलों और केंद्रों का भौतिक सत्यापन किया जाए. इस बार के पंचायत चुनाव में किसी भी निजी भवन या परिसर, पुलिस थाना, अस्पताल, डिस्पेंसरी, धार्मिक स्थल या धार्मिक महत्व के स्थानों में मतदान केंद्र नहीं बनाया जाएगा. साथ ही आयोग ने यह भी निर्णय किया है कि वर्तमान मुखिया के घर से 100 मीटर के अंदर किसी भी मतदान केंद्र की स्थापना नहीं होगी.
मतदाताओं को ना जाना पड़े ज्यादा दूर
मतदाताओं को वोट करने के लिए 2 किलोमीटर से अधिक दूरी तय ना करना पड़े या भी ध्यान रखा जाए 1 ग्राम पंचायत क्षेत्र में 2 से अधिक चलंत मतदान केंद्र नहीं बनाए जाएंगे. किसी भी परिस्थिति में ग्राम पंचायत क्षेत्र के बाहर दूसरे ग्राम पंचायत में मतदान केंद्र नहीं बनाया जाएगा. प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए 30 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का स्थान होना चाहिए. मतदान केंद्र के लिए प्रवेश और निकास का द्वार अलग-अलग होना चाहिए.
ये भी पढ़ें- बक्सर: तबेला बना उपस्वास्थ्य केंद्र, अनजान हैं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी
दो किमी के अंदर ही बनाया जाएगा मतदान केंद्र
अनुसूचित जाति/जनजाति तथा समाज के कमजोर वर्ग के मतदाताओं के आवासीय क्षेत्र में पड़ने वाले भवन में मतदान केंद्र स्थापित किया जाए. पहाड़ी और वन क्षेत्र में मतदाताओं को वोट देने के लिए नजदीक मतदान केंद्र बनाया जाए. इन मतदाताओं के लिए अधिकतम 2 किलोमीटर तक मतदान केंद्र बनाने का नियम शिथिल रहेगा.
जहां सरकारी या गैर सरकारी भवन उपलब्ध नहीं हो वहां पर यथासंभव प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र अथवा पंचायत क्षेत्र में उपलब्ध सरकारी जमीन पर चलंत मतदान केंद्र की स्थापना की जाए.
ये भी पढ़ें- एक साल में ही बिगड़ गई चमरू पोखर की सुंदरता, CM का ड्रीम प्रोजेक्ट चढ़ा उदासीनता की भेंट
मतदान केंद्र के स्थलों का होगा भैतिक सत्यापन
गौरतलब है प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा चयनित मतदान केंद्रों का औचक निरीक्षण राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा गठित कमेटी के द्वारा किया जा सकता है. इसलिए आयोग ने निर्देश दिया है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा मतदान केंद्र स्थलों पर जाकर ही भौतिक सत्यापन किया जाए. आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि मतदान केंद्र के भवन जर्जर ना हो, साथ ही पिछले चुनाव में अगर मतदान केंद्रों में किसी कारणवश विवाद हुआ है, तो ऐसे जगहों को मतदान केंद्र ना बनाया जाए.