पटनाःधनतेरस के दूसरे दिन और दिवाली से एक दिन पहले कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि कोनरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाई जाती है. इस पर्व को अलग-अलग जगह कई सारे नाम से मनाया जाता है. कहीं इसे रूप चौदस, तो कहीं नरक चौदस, कहीं रूप चतुर्दशी और सबसे ज्यादा छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है. इस दिन पूजन का खास महत्व है. क्योंकि आज के दिन मृत्यु के देवता यानी यमराज की पूजा होती है.
छोटी दीपावली को दीपदान का खास महत्व : छोटी दिवाली यानी नरकचतुर्दशी के दिन दीपदान करना अनिवार्य माना जाता है. क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन पूजा और दीपदान से घर-परिवार में अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है और परिजन रोग-व्याधियों से मुक्त रहते हैं. वहीं एक और मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को ही भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था. नरकासुर की वध की खुशी में भी इस दिन को नरक चतुर्दशी के नाम से मनाया जाता है और दीये जलाए जाते हैं. इसी खुशी में इस दिन दीप दान भी किया जाता है.